लिथुआनियाई डिप्लोमैट्स ने छोड़ा चीन, ताइवान को लेकर दोनों देशों में बढ़ा तनाव

बीजिंग। लिथुआनिया और ताइवान के बीच बढ़ते संबंध को लेकर चीन भडक़ा हुआ है। जारी तनाव के बीच लिथुआनियाई डिप्लोमैट्स प्रतिनिधिमंडल ने चीन छोड़ दिया है। ताइवान ने चीन से बिगड़ते संबंधों के बीच पिछले महीने विनियस में एक दूतावास खोला है। लिथुआनिया ने एक बयान में कहा है कि उसने अपने टॉप राजनयिक को परामर्श के लिए चीन से वापस बुलाया है और दूतावास कुछ समय के लिए रिमोटली काम करेगा। सभी 19 लिथुआनियाई दूतावास के कर्मियों और उनके सहयोगियों ने बीजिंग छोड़ दिया है। एक राजनयिक सूत्र ने बताया है कि लिथुआनियाई राजनयिकों को लेकर सुरक्षा चिंताएं थीं। राजनयिकों के जाने को उन्होंने डराने की प्रतिक्रिया के रूप में बताया है। पूरे मामले को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय ने अब तक कुछ नहीं कहा है।
विनियस में ताइवान के प्रतिनिधि कार्यालय के खुलने के कुछ दिनों बाद चीन ने पिछले महीने लिथुआनिया के साथ राजनयिक संबंधों को कम करना शुरू कर दिया। चीन ने लिथुआनिया को बताया था कि बीजिंग में उसके दूतावास को एक ऑफिस ऑफ द चार्ज डी एफेयर में बदल दिया गया है।
चीनी एक्सपर्ट्स ने कहा है कि इस तरह की मूर्खतापूर्ण चीन विरोधी नीति बाल्टिक राज्य के लिए परेशानी का कारण बन सकती है। लिथुआनिया अपने इस कदम से क्षेत्र में अलग-थलग पड़ सकता है। चीनी एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका को खुश करने के लिए लिथुआनिया का यह कदम राष्ट्रीय हितों को जोखिम में डालने की तरह है। लिथुआनिया को आखिर में अमेरिका में से धोखा ही मिलने वाला नहीं है। एक ओर अमेरिका चीन से संबंध सुधार रहा है, ऐसे में लिथुआनिया का यह कदम मूर्खतापूर्ण है।


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