अल्मोड़ा में जिला प्रशासन एवं पालिका तय करे मिस्त्रियों तथा लेबरों की मजदूरी: पूरन रौतैला

अल्मोड़ा। आज जारी एक बयान में अल्मोड़ा कांंग्रेस के नगर अध्यक्ष पूरन सिंह रौतैला ने नगर क्षेत्र में मिस्त्रियों, लेबरों, नेपाली और बिहारी मजदूरों द्वारा मनमाने तरीके से ली जा रही मजदूरी पर गहरा रोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि 15 दिन पूर्व कांग्रेसजनों के द्वारा इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी अल्मोड़ा को ज्ञापन भी प्रेषित किया गया था परन्तु अभी तक इस मामले में जिला प्रशासन द्वारा मजदूरी निर्धारित नहीं की गयी है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और नगरपालिका द्वारा एक नियत मजदूरी तय ना किये जाने से मजदूर अपनी मनमर्जी से आम जनता से मनमाफिक मजदूरी ले रहे हैं जो कि गलत है। श्री रौतैला ने कहा कि अल्मोड़ा नगर सहित आसपास के क्षेत्रों में जिला प्रशासन एवं नगरपालिका द्वारा मजदूर वर्ग की मजदूरी तय नहीं की गयी है जिसका फायदा उठाकर नेपाली तथा बिहारी मजदूरों के साथ ही अन्य मजदूर आम जनता से मनमाफिक तरीके से मजदूरी वसूल रहे हैं। श्री रौतैला ने कहा कि जिला प्रशासन और नगरपालिका को दैनिक मिस्त्रियों, लेबरों, रेत-ईट की गाड़ियां ढोने वाले मजदूरों, सामान पहुंचाने वाले मजदूरों की मजदूरी तय कर लिस्ट सार्वजनिक करनी चाहिए ताकि तय मजदूरी से अधिक पैसे लेने वाले मजदूरों के खिलाफ कार्यवाही की जा सके। उन्होंने कहा कि बोझा ढोने वाले मजदूरों की मजदूरी भी दूरी के हिसाब से तय कर देनी चाहिए तथा मिस्त्री, पेन्टर, कारपेन्टर और लेबर की ध्याड़ी भी नियत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मजबूरी में आज अल्मोड़ा का आदमी इन मजदूरों को मनमाफिक मजदूरी देने के लिए विवश है। यदि मजदूरों को उनकी मनमाफिक मजदूरी नहीं दी जाती तो ये मजदूर काम करने को तैयार नहीं होते हैं जिससे आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। श्री रौतैला ने कहा कि मजदूरों द्वारा अवैध तरीके से लोगों से दुगुनी मजदूरी तक ली जा रही है।उन्होंने कहा कि लेन्टर डालने वाले मजदूरों की मजदूरी भी जिला प्रशासन को तय करनी चाहिए। श्री रौतैला ने कहा कि जिस तरह से नेपाली और बिहारी मजदूर चाहे वो लकड़ी का काम करने वाले हों, चाहे रंग-चूने का काम करने वाले हों, चाहे राजमिस्त्री हों, चाहे बोझा ढोने वाले हों या चाहे लेन्टर डालने वाले हों सबकी मजदूरी नगरपालिका अथवा जिला प्रशासन ने नियत कर सार्वजनिक करनी चाहिए जिससे कि ये जनता से अतिरिक्त रूपये ना ले सके।