कुंभ फर्जी कोरोना जाँच: दोषियों के खिलाफ होगी सख्त कारवाई : सीएम
देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि हरिद्वार कुंभ के दौरान कोरोना एंटीजन व आरटीपीसीआर जांच में फर्जीवाड़े की एसआईटी से जांच का फैसला लिया गया। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कारवाई की जाएगी। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एसआईटी जांच के फैसला का स्वागत किया। शनिवार को भाजपा मुख्यालय में मीडिया के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने कहा कि इस मामले की पहले सामान्य जांच शुरू कराई गई थी। फर्जीवाड़ा की गंभीरता को समझते हुए अब एसआईटी को इसे सौंपा गया है, जो भी दोषी पाया जाएगा, उन्हें किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जाएगा। कहा कि पवित्र कुंभ मेले में इस तरह की मंशा रखने वाले चिन्हित किए जाएंगे। उधर, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत भी जब भाजपा प्रांतीय कार्यसमिति की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे तो मीडिया के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे भी एसआईटी जांच की मांग कर रहे थे। अब सरकार ने एसआईटी जांच का निर्णय लिया तो यह बहुत अच्छी बात है।
तीरथ-त्रिवेंद्र आए थे आमने-सामने: हरिद्वार महाकुंभ कोरोना जांच फर्जीवाड़े में सीएम तीरथ रावत और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत आमने -सामने आ गए थे। सीएम तीरथ ने पहले कहा था कि संबंधित फर्म को उनके समय टेंडर नहीं दिया गया था। उनसे पहले कार्यकाल में ये सब हुआ। तो इसके बाद पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने इसे आर्थिक और लोगों के जीवन से खिलवाड़ बता गंभीर अपराध मानते हुए कहा कि जिस भी कालखंड में यह फर्जीवाड़ा हुआ था, उसकी उच्चस्तरीय या न्यायिक जांच होनी चाहिए। पार्टी के मौजूदा व पूर्व सीएम के अलग-अलग बयानों के बाद भाजपा को बैकफुट पर आना पड़ा था।
अफसर भी आएंगे जांच के दायरे में : जिन अफसरों ने फर्म को कोरोना जांच का टेंडर दिया है, वे भी जांच के दायरे में आएंगे। सरकार ने इस तरह के संकेत दिए हैं। सूत्रों के अनुसार मेला प्रशासन के वे अफसर जो सीधे-सीधे इसकी मानिटरिंग कर रहे थे, फिलहाल उनकी प्राइम पोस्टिंग में रूकावट आ सकती है। हरिद्वार कुंभ के उप मेलाधिकारी रहे व आईएएस अंशुल सिंह को बाध्या प्रतीक्षा सूची में डालकर सरकार यह संकेत दे चुकी है। आईएएस अंशुल की पहले यूएसनगर के डिप्टी कलेक्टर के पद पर पोस्टिंग कर दी गई थी, जिसे सरकार ने शुक्रवार को ही निरस्त कर दिया।