क्षेत्रीय संघर्षशील शक्तियों को एकजुट कर एक सशक्त राजनीतिक विकल्प तैयार करें

अल्मोड़ा। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने नगर के एक होटल में आयोजित दो दिवसीय संवाद शिविर में राज्य की बदहाल स्थिति पर गंभीर मंथन किया। शिविर में शामिल आंदोलनकारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और प्रबुद्ध नागरिकों ने सत्ता में बैठी ताकतों को जनता की दुर्दशा का जिम्मेदार ठहराते हुए क्षेत्रीय संघर्षशील शक्तियों को एकजुट कर सशक्त राजनीतिक विकल्प तैयार करने का संकल्प लिया। उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि लंबे संघर्ष और बलिदानों से बने राज्य को राष्ट्रीय पार्टियों ने लूट और अराजकता का केंद्र बना दिया है। उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के बाजारीकरण के साथ खेती की दुर्दशा को कांग्रेस और भाजपा की नीतियों का परिणाम बताया। पत्रकार और आंदोलनकारी चारु तिवारी ने कहा कि पूंजीपतियों और माफियाओं के हित साधने वाली राष्ट्रीय पार्टियों ने राज्य के संसाधनों की खुली लूट की है। उन्होंने राजनीति के चरित्र को बदलने की आवश्यकता पर बल दिया। शिविर में सामाजिक कार्यकर्ता ईश्वरी दत्त जोशी, डॉ. पुष्कर बिष्ट, शिक्षाविद् चंद्रशेखर बनकोटी, प्रधान महासचिव प्रभात ध्यानी, केंद्रीय महासचिव नारायण राम, हेमलता तिवारी, तुहिनांशु तिवारी, नवीन पांगती, पान सिंह नेगी, चंद्रमणि भट्ट और वरुण चंदोला समेत कई गणमान्य व्यक्तियों ने अपने विचार रखे। संचालन नरेश नौड़ियाल ने किया। शिविर में पार्टी को संगठनात्मक रूप से मजबूत बनाने, युवाओं और महिलाओं के मुद्दों पर विशेष ध्यान देने तथा परिवर्तनकारी शक्तियों को जोड़ने के लिए जन अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। साथ ही आगामी 2 अक्टूबर को मुजफ्फरनगर कांड की बरसी पर राज्यभर में कार्यक्रम आयोजित करने का आह्वान किया गया। इस संवाद शिविर में अल्मोड़ा सहित कुमाऊं और गढ़वाल के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।