कृषि उपज संशोधन विधेयक किसानों के हित में: नरेंद्र रौतेला

अल्मोड़ा। भाजपा सरकार द्वारा कृषि उपज संशोधन विधेयक के माध्यम से भारत के किसानों को मंडी के जाल से मुक्ति प्रदान कर कृषि क्षेत्र में एक क्रांतिकारी निर्णय किया है। इसका विरोध करने वाले लोगों को या तो भारतीय कृषि तंत्र की समझ नहीं है या वह बड़े भूस्वामियों तथा मंडी से पोषित राजनीतिक तंत्र के पोषक रहे हैं।

यह विचार यहां भाजपा नेता एवं पूर्व राज्य मंत्री नरेंद्र रौतेला ने अपने लिखित वक्तव्य में प्रकट की है उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने “एक देश एक बाजार” की परिकल्पना के साथ भारतीय किसानों हेतु जिले प्रदेश से आगे राष्ट्रीय बाजार का रास्ता खोल दिया है उन्होंने कहा कि इस विधेयक से मौजूदा मंडियों का वजूद खत्म नहीं हुआ है वरन उनके लिए एक प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण में काम करने की चुनौती का अवसर आया है।

उन्होंने कहा कि मौजूदा परिदृश्य में मंडियों की भूमिका भी दलाल की सी हो गई थी। किसान को बाध्यता थी कि उसे अपना माल मंडी के माध्यम से बेचना है और एकाधिकार होने के कारण मंडियों में किसानों को आधारभूत सुविधाएं प्रदान करने हेतु विशेष प्रयास नहीं किए।

यह विधेयक किसान को मंडी, कच्चे-पक्के आढ़ती से मुक्ति प्रदान करने हेतु एक क्रांतिकारी कदम है। रौतेला ने कहा कि सरकार द्वारा प्रोत्साहित करने का उत्पादक समूह किसानों को सामूहिक क्रय-विक्रय शक्ति विकसित कर इतिहास रच सकते हैं।