कोयला खदान में फंसे नौ श्रमिक, एक का शव निकाला

गोवाहाटी (आरएनएस)। दीमा हसाओ जिले के उमरंगसो के तीन किलो क्षेत्र में कोयला खदान में सोमवार को 300 फीट गहरे खदान में अचानक पानी भर गया था। इस खदान में नौ श्रमिक फंस गए थे। इसके बाद भारतीय सेना और स्थानीय अधिकारियों की संयुक्त टीम ने त्वरित और प्रभावी तरीके से बचाव अभियान की शुरुआत की। मंगलवार शाम को बचाव अभियान को रोक दिया गया था। बुधवार सुबह इसे फिर से शुरू किया गया। इसके बाद बचाव टीमों ने खदान से एक शव बरामद किया।
सीएम हेमंत बिस्व सरमा ने कहा कि 21 पैरा गोताखोरों ने खदान से एक शव बरामद किया है। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोकाकुल परिवार के साथ हैं। वहीं एनडीआरएफ के कमांडेंट एन तिवारी ने बताया कि श्रमिकों को निकालने के लिए 24 घंटे काम चल रहा है। जल्द ही हम श्रमिकों तक पहुंच जाएंगे। अभी सेना की टीम यहां काम कर रही है। नौसैनिक भी यहां पहुंच गए हैं।
वहीं खदान में काम करने वाले एक श्रमिक ने बताया कि मेरा भाई खदान में फंसा है। खदान में अचानक लोगों ने चिल्लाना शुरू कर दिया कि पानी भर रहा है। 30-35 लोग बाहर आ गए और 15-16 लोग फंस गए।
दीमा हसाओ में कोयला खदान में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए नौसेना की टीम पहुंच गई है। नौसेना की इस विशेष टीम में एक अधिकारी और ग्यारह नाविक शामिल हैं, जिनमें गहरे पानी में डाइविंग और रिकवरी ऑपरेशन्स में प्रशिक्षित क्लियरेंस डाइवर्स शामिल हैं। गुवाहाटी में भारतीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ले. कर्नल महेंद्र रावत ने बताया कि टीम इस संवेदनशील और महत्वपूर्ण मिशन के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसमें गहरे पानी में डाइविंग के उपकरण और खोज एवं बचाव कार्य के लिए अंडरवाटर रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल्स जैसे विशेष उपकरण शामिल हैं। यह प्रयास भारतीय सेना, एनडीआरएफ और स्थानीय नागरिक प्रशासन के साथ करीबी समन्वय में किया जा रहा है, ताकि त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके।
भारतीय नौसेना की टीम विशाखापत्तनम से आईएएफ द्वारा किए गए एक समन्वित एयरलिफ्ट के माध्यम से मौके पर पहुंची। गंभीर खोज और बचाव कार्य चल रहा है और सभी संबंधित एजेंसियों के साथ नियमित सूचना का आदान-प्रदान किया जा रहा है ताकि बचाव कार्य सुचारू और समय पर किया जा सके। भारतीय नौसेना संकट के समय में त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो जीवन की सुरक्षा और आपातकालीन स्थितियों में राष्ट्र का समर्थन करने के अपने संकल्प को प्रदर्शित करता है।
खदान में भरे पानी को निकालने के लिए डी वाटरिंग पंप मंगाया गया है। सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि बचाव अभियान जोरों पर है। सेना और एनडीआरएफ के गोताखोर खदान में उतर चुके हैं। नौसेना के जवान मौके पर हैं और उनके बाद गोता लगाने की अंतिम तैयारियां कर रहे हैं। इस बीच एसडीआरएफ के डी-वाटरिंग पंप उमरंगशु से घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। ओएनजीसी के डी-वाटरिंग पंप को कुंभीग्राम में एमआई-17 हेलीकॉप्टर पर लोड किया गया है।
मामले में असम के सीएम हेमंत बिस्व सरमा ने बताया कि पुलिस ने घटना की जांच के लिए खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 21(1) के साथ धारा 3(5)/105 बीएनएस के तहत एफआईआर दर्ज की है। यह एक अवैध खदान लगती है। मामले के संबंध में पुनीश नुनिसा नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। मैंने केंद्रीय कोयला मंत्री किशन रेड्डर से भी बात की। उनसे उमरंगसू में बचाव अभियान के लिए सहायता मांगी है। उन्होंने तुरंत कोल इंडिया मुख्यालय को निर्देश जारी किए हैं। इस मिशन में असम सरकार को पूर्ण सहयोग देने के लिए मैं उनका हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।
असम के विशेष डीजीपी हरमीत सिंह ने कहा कि खदान के निचले हिस्से में एक शव मिला है। कल पानी बहुत गंदा और काफी अम्लीय था। इसलिए कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। आज एनडीआरएफ और सेना के चार गोताखोर नीचे गए। वे खदान के निचले हिस्से से एक शव को निकालने में सफल रहे। अब हमारे पास हर तरफ सुरंगें हैं। नौसेना के रिमोट संचालित वाहन ने पूरी खदान का एक चक्कर लगाया है। इसमें फोटोग्राफी और सोनार दोनों क्षमताएं हैं। इससे कुछ भी नहीं मिला है। अब नौसेना के गोताखोर खदान में जा रहे हैं। हम पहले खदान को साफ करेंगे और फिर सुरंगों में प्रवेश करना शुरू करेंगे। इस बीच लगातार पानी निकालने के प्रयास जारी हैं।

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