उत्तराखंड परिवहन निगम के कोटद्वार डिपो की आय पर एक बार फिर कोरोना ग्रहण

कोटद्वार। कोरोना की पहली लहर के बाद घाटे में चल रहे उत्तराखंड परिवहन निगम के कोटद्वार डिपो की आय पर एक बार फिर कोरोना ग्रहण बन गया। प्रतिदिन 10-12 लाख की आय करने वाले डिपो के सामने इन दिनों प्रतिदिन तीन लाख की आय जुटाना भी भारी पड़ रहा है। हालात यह हो चले हैं कि डिपो से संचालित 17 अनुबंधित बसों का संचालन बंद कर दिया गया है। उत्तराखंड परिवहन निगम के कोटद्वार डिपो की गाड़ी एक बार फिर कोरोना संक्रमण के चलते बेपटरी हो गई। निगम के पास वर्तमान में 55 बसों का बेड़ा है, जिसमें 38 बसें निगम की है, जबकि 17 बसें अनुबंधित हैं। निगम के कोटद्वार डिपो से दिल्ली, देहरादून, हरिद्वार, गुडग़ांव, चंडीगढ़, हल्द्वानी, पौड़ी, वीरोंखाल, अमृतसर सहित कई अन्य मार्गों पर बसों का संचालन किया जाता है। कोरोना संक्रमण के चलते निगम ने अनुबंधित बसों को फिलहाल बेड़े से हटा दिया है। वर्तमान में निगम की 38 बसें सेवा में हैं, लेकिन यात्रियों की कमी के चलते इनका संचालन भी नियमित नहीं हो पा रहा है। रविवार को 38 बसों में से मात्र 20 बसें ही सडक़ों पर उतरी। यात्री न होने के कारण डिपो ने पोखड़ा, जमेली मार्गों पर बसों का संचालन बंद कर दिया है। रविवार को लैंसडौन, धुमाकोट, किल्बोखाल की बसों में भी यात्री नहीं मिल पाए।

मैदानी सेवाओं के भरोसे निगम: परिवहन निगम का कोटद्वार डिपो वर्तमान में पूरी तरह मैदानी सेवाओं के भरोसे है। निगम की दिल्ली-वीरोंखाल, दिल्ली-त्रिपालीसैंण व दिल्ली-पौड़ी बसों में यात्री मिल रहे हैं। वर्तमान में संचालित सेवाओं में से करीब 90 फीसद सेवाएं मैदानी क्षेत्रों में ही चल रही हैं। कोटद्वार-दिल्ली के बीच निगम की दस-बारह सेवाएं चल रही हैं, जबकि सामान्य दिनों में इस मार्ग पर करीब 25 सेवाओं का संचालन होता था।

किराये की मार ने तोड़ी कमर: निजी परिवहन कंपनियों ने दोगुना किराया न लेने संबंधी शासन के आदेश के बाद अपनी बसों का संचालन बंद कर दिया। लेकिन, सरकारी उपक्रम होने के कारण परिवहन निगम की बसें आज भी सडक़ों पर दौड़ रही हैं। नतीजा, कंगाली में आटा गीला वाली स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। बसों में आधी सवारी होने के कारण आय भी आधी हो रही है। इतना ही नहीं, यात्री भी उत्तराखंड परिवहन निगम के बजाय उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसों के जरिये कोटद्वार पहुंच रहे हैं।

कोरोना संक्रमण के चलते एक बार फिर डिपो की आय में गिरावट आई है। दो-तीन माह पूर्व तक प्रतिदिन सात-आठ लाख का राजस्व मिल रहा था। लेकिन, इन दिनों तीन लाख का राजस्व मिल पाना भी मुश्किल हो रहा है। यात्री भी कोरोना संक्रमण के कारण यात्रा करने से परहेज कर रहा है।
-टीकाराम आदित्य, सहायक महाप्रबंधक, कोटद्वार डिपो