किच्छा चीनी मिल में 15 दिन में 90 घंटे ब्रेक डाउन, किसान हो गए हैं परेशान

रुद्रपुर(आरएनएस)।  चीनी मिल का पेराई सत्र शुरू हुए अभी 15 दिन ही हुए हैं। किच्छा में इसमें चीनी मिल की पेराई तकनीकी कारणों से लगभग 90 घंटे बंद रही है। जबकि चीनी मिल को बेहतर बनाने के लिए उसकी पुरानी मशीनों की मरम्मत पर 12 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। किसानों का आरोप है कि समय पर उठान नहीं होने से उनका गन्ने की फसल से मोह भंग हो रहा है।  शुभारंभ होने के बावजूद पेराई सत्र शुरू नहीं होने पर विधायक तिलकराज बेहड़ ने सैकड़ो कांग्रेसियों के साथ मिल प्रबंधन पर किसानों का शोषण व भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए मिल के अंदर धरना दिया था। विधायक के धरने के बाद चीनी मिल प्रबंधन ने नौ दिसंबर की रात को पेराई शुरू होने का दावा कर दिया, लेकिन पंद्रह दिन बीत जाने के बावजूद चीनी मिल सफलतापूर्वक पेराई करने में नाकामयाब रही है। मात्र दो हफ्ते के भीतर 90 घंटे पेराई बंद होने पर जहां चीनी मिल की मरम्मत में खर्च हुए 12 करोड़ रुपये पर सवालिया निशान लगा है, वहीं किसानों को अपनी फसल की चिंता सताने लगी है। रविवार तड़के लगभग तीन बजे मिल बंद होने से गेट पर लगभग बीस हजार कुतंल गन्ना इकठ्ठा हो गया और किसान अपनी बारी आने का इंतजार करते दिखे।  सुबह पेराई शुरू होने पर किसानों ने राहत की सांस ली। किसानों का कहना है कि चीनी मिल में आ रही तकनीकी रुकावटों के चलते गन्ने की छिलाई भी लेट हो रही है। चीनी मिल के खराब प्रदर्शन से गन्ना ढोने में लगे ट्रकों के ट्रांसपोर्टर भी परेशान है। यदि पेराई नियमित रुप से शुरू नहीं हुई तो निश्चित रूप से चीनी मिल से जुड़े व्यवसायियों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।

चीनी मिल समय से पूरा करेगी पेराई सत्र: ईडी
चीनी मिल के अधिशासी निदेशक त्रिलोक सिंह मर्तोलिया ने बताया कि चीनी मिल समय से पेराई सत्र पूरा करेगी। उन्होंने बताया कि चीनी मिल का मेन इंजन वर्ष 1959 का है, जिसके कारण उसमें तकनीकी दिक्कत आने से ब्रेक डाउन लेना पड़ा है। इसके बावजूद पिछले वर्ष की तुलना में गन्ने की पेराई लगभग बराबर है। नए इंजन का प्रस्ताव भेजा जाएगा। नये बॉयलर लगने से गन्ने की रिकवरी भी पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर है। चीनी की गुणवत्ता भी बेहतर हुई है। केवल तीन दिन परेशानी हुई है। इस कारण लगभग चालीस हजार कुंतल की पेराई कम हुई है। रविवार को गन्ना पेराई ने अपने मानक पूरे किए हैं। पेराई सत्र समय से सफलतापूर्वक संपन्न कर लिया जाएगा।
शुभारंभ के बावजूद गन्ना मंत्री का नहीं आना और अगले दिन रुद्रपुर के कार्यक्रम में दिखाई देना संदेहास्पद है। करोड़ों रुपये की मरम्मत के बावजूद चीनी मिल बार-बार बंद होने पर घोटाले का अंदेशा है। सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए। किसानों का शोषण हो रहा है, लेकिन गन्ना मंत्री बेखबर हैं। यदि किसानों को राहत नहीं मिली तो वह दोबारा धरना-प्रदर्शन करेंगे। – तिलकराज बेहड़, विधायक किच्छा।


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