खूंट-धामस क्षेत्र में औषधीय पौधों की खेती से मिलेगा ग्रामीणों को रोजगार

अल्मोड़ा(आरएनएस)। विकासखण्ड हवालबाग के क्षेत्र खूंट-धामस में इस बार मनरेगा के माध्यम से एक नई पहल की शुरूआत करते हुए ग्रामीण लोगों के संरक्षण और आजीविका उत्थान के लिये औषधीय पौधों की खेती की योजना बनाई जा रही है। इसके तहत क्षेत्र खूंट-धामस तथा उससे लगे 6 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। यह कार्य मनरेगा एवं गोविन्द बल्लभ पंत हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी-कटारमल के केन्द्राभिसरण के माध्यम से किया जायेगा। प्रथम चरण में 06 ग्राम पंचायतों के 400 किसान परिवारों के 5.50 हे. बंजर भूमि पर रोजमेरी, सम्यो, तिमूर, तेजपत्ता, कपूर कचरी का कृषण कार्य को प्रारम्भ किया जा रहा है, जिसमें 268 परिवार स्वयं सहायता समूह के हैं। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 43.22 लाख हैं जिससे ग्रामीणों को 15516 दिनों के रोजगार के साथ-साथ फसल विपणन से अच्छी आय होने का अनुमान है। प्रथम चरण के अच्छे परिणाम प्राप्त होने पर प्रोजेक्ट के द्वितीय फेज में 10 हे. बंजर भूमि पर इस कार्य को करने की योजना बनाई गई है। गोविन्द बल्लभ पंत हिमालयी पर्यावरण अनुसन्धान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ आशीष पाण्डे ने बताया कि खूट-धामस क्षेत्र में चयनित इस कलस्टर में औषधीय पौधों का कृषण कार्य सफल रहेगा, हमारे वैज्ञानिकों द्वारा मिट्टी की तकनीकी जांच कर ही इस प्रकार के औषधीय पौधों के कृषण कार्य की स्वीकृति दी गयी है। उन्होंने बताया कि समस्त चयनित किसानों को कृषण कार्य से सम्बन्धित प्रशिक्षण दिया जा चुका है तथा किसानों को उत्तम श्रेणी के पौध/जड़ उपलब्ध करायी जायेगी। प्रोजेक्ट के सफल निर्वाहन के लिए गोविन्द बल्लभ पंत हिमालयी पर्यावरण अनुसन्धान संस्थान विकासखण्ड की मनरेगा टीम एवं किसानों को समय-समय पर तकनीकी मार्गदर्शन देता रहेगा। खण्ड विकास अधिकारी हवालबाग के बताया कि वर्तमान में परम्परागत फसलों को जंगली जानवरों द्वारा नष्ट कर दिया जा रहा है। औषधीय खेती को पालतू मवेशी या जंगली जानवरों द्वारा नुकसान पहुंचाए जाने तथा वर्तमान में आयुर्वेदिक कम्पनियों में इनकी माँग में रूचि दिखाये जाने के कारण इस नवाचार प्रयोग को विकासखण्ड में प्रथम बार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट से ग्रामीणों को अच्छी एवं निरन्तर आमदनी के साथ-साथ पलायन रोकथाम तथा बंजर भूमि को कृषण कार्य के लिए प्रयोग किये जाने में यह प्रोजेक्ट बहुत कारगर सिद्ध होगा।