कर्णप्रयाग में संगम पर गंगा जल भरने के लिए सुरक्षा के इंतजाम नहीं

चमोली। अलकनंदा और पिंडर नदी के संगम पर कर्णप्रयाग में नमामि गंगे की ओर से बनाया गया घाट चार साल बाद भी दुरस्त नहीं हो पाया है। ऐसे में सावन के महीने गंगा जल लाने में श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। लोगों ने संगम किनारे लोहे के गार्डर लगाने की मांग उठाई है। ताकि भक्तों को गंगा जल भरने में परेशानी न होने पाए।

कर्णप्रयाग में संगम पर नमामि गंगे ने वर्ष 2018 में करोड़ों रूपये की लागत से नदी किनारे श्रद्धालुओं को स्नान करने, गंगा जल भरने आदि के लिए सुरक्षा दीवार बनाकर स्टील के एंगल लगाए और अन्य सौन्दीर्यीकरण किया था। लेकिन एक साल बाद पिंडर नदी में आई बाढ़ से संगम पर नदी किनारे बनाई दीवार व एंगल बह गए थे। वर्तमान में संगम पर नदी का बहाव तेज होने और फिसलन होने से फिसलने का खतरा बना है। सावन माह में संगम पर श्रृद्धालु स्नान व गंगा दर्शन के लिए काफी संख्या में आते हैं। ऐसे में नदी किनारे सुरक्षा के इंतजाम न होने से नदी में बहने का खतरा बना रहता है। बावजूद नमामि गंगे और नगर पालिका ने सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए हैं।

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