कर्णप्रयाग कांग्रेस में हार के बाद मची रार

चमोली। टिकट वितरण से लेकर चुनाव और परिणाम घोषित होने के बाद मिली हार के बावजूद कांग्रेस में रार मची है। सोशल मीडिया से लेकर धरातल पर हार पर तमाम तरह के आरोप प्रत्यारोपों के बीच पदाधिकारियों के इस्तीफे के दौर चल रहे हैं। शनिवार को करीब पिछले पांच सालों से ब्लाक अध्यक्ष की जिम्मेदारी देख रहे पूर्व प्रमुख राजेंद्र सगोई ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अलग राज्य बनने के बाद से ही विधानसभा में कांग्रेस एकजुट नहीं हो पाई है। फिर वो 2002 के चुनाव हो या 2007 और 2012 के। लगातार बागियों ने यहां कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी की। हालांकि 2002 और 2007 की हार के बाद 2012 में कर्णप्रयाग सीट से उतरे बदरीनाथ के पूर्व विधायक डा. अनुसूया प्रसाद मैखुरी ने पार्टी में भारी बगावत के बाद भी जीत दर्ज की। लेकिन 2017 में डा. मैखुरी और 2022 में पार्टी प्रत्याशी मुकेश नेगी खुली बगावत नहीं होने के बावजूद हार गए। ऐसे में सोशल मीडिया में कांग्रेस संगठन में रार मची है। 2017 से लेकर 2022 तक भीतरघात के आरोप लग रहे हैं। वहीं धरातल पर पहले नगर अध्यक्ष मुहेश खंडूड़ी और शनिवार को ब्लाक अध्यक्ष राजेंद्र सगोई ने अपना इस्तीफा दे दिया है। सगोई ने कहा कि उन्होंने जनादेश को स्वीकार करते हुए इस्तीफा संगठन की बेहतरी के लिए दिया है।


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