कार्मिक रिश्वतखोरी में संलिप्त, तो विभागाध्यक्ष भी जिम्मेदार

पौड़ी(आरएनएस)।   सीएम पुष्कर सिंह धामी के सुशासन एवं भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने के निर्देशों पर डीएम पौड़ी डॉ. आशीष चौहान ने शनिवार को जिला और क्षेत्रीय अफसरों की बैठक ली। जिसमें डीएम ने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों तक समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से पहुंचने पर जोर दिया। डीएम ने साथ ही कहा कि यदि कोई अधीनस्थ कार्मिक रिश्वतखोरी में संलिप्त पाया जाता है तो संबंधित विभागध्यक्ष भी जिम्मेदार होंगे। अफसरों के साथ बैठक में डीएम डॉ. चौहान ने कहा कि स्थानीय स्तर पर हल होने वाली शिकायतें, जिला या शासन स्तर तक जाती है तो संबंधित अफसर और कार्मिक की जवाबदेही तय की जाएगी। ऐसा होता है तो यह संबंधितों की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान है। डीएम ने निर्देश दिए कि अफसर जनता के द्वार कार्यक्रम के तहत आने वाली शिकायतों का 15 दिन के अंदर समाधान करे और इसकी रिपोर्ट जिला कार्यालय को भी दे। यदि कोई अधीनस्थ कार्मिक रिश्वत या घूसखोरी में लिप्त पाया जाता है, तो उसके साथ-साथ संबंधित विभागाध्यक्ष को भी जवाबदेह ठहराया जाएगा। दफ्तरों में पब्लिक डीलिंग के दौरान स्टाफ की कार्यशैली और व्यवहार पर नजर रखने को भी डीएम ने कहा। जनकल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत अनावश्यक प्रारूपों और प्रक्रियाओं को समाप्त कर आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाया जाए। कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए सभी दफ्तरों में टोल-फ्री नंबर 1064 से संबंधित पोस्टर अनिवार्य रूप से चस्पा हो। डीएम ने कहा कि कई ग्रामीण ऐसे हैं जो अपनी समस्याएं लेकर प्रशासन तक नहीं पहुंच पाते। ऐसे लोगों तक पहुंचकर उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए। बैठक में एडीएम अनिल गर्ब्याल सहित सभी एसडीएम व जिला स्तरीय अफसर मौजूद रहे।

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