मठ मंदिरों की जमीन हो रेगुलराइज: करन माहरा
देहरादून। उत्तराखंड में मदरसों के सर्वे का मुद्दा सुर्खियों में है। खुद सीएम पुष्कर धामी कह चुके हैं कि उत्तराखंड में मदरसों का सर्वे होना जरूरी है। बीजेपी ने मदरसों का सर्वे कराए जाने की सरकार की योजनाओं को शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर पहल बताया है। तो वहीं, कांग्रेस का कहना है कि सर्वे सिर्फ मदरसों का ही नहीं, बल्कि उन सभी स्थानों के भी होने चाहिए। जिनमें आस्था के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा भारत जोड़ो यात्रा के तहत अपने सात दिवसीय दौरे के बाद आज देहरादून पहुंचे। जहां उन्होंने उत्तराखंड में मदरसों के सर्वे को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यदि सरकार चाहती है कि मदरसों के सर्वे होने चाहिए तो इसमें कोई हर्ज नहीं है, लेकिन सर्वे सिर्फ मदरसों के ही नहीं होने चाहिए, बल्कि उन सभी स्थानों के भी सर्वे होने चाहिए। जिनमें आस्था के कार्यक्रम होते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे यहां ये परंपराएं रही हैं कि ऋषि मुनियों के भीतर जब आध्यात्म जागता था, तब वो हिमालय और जंगलों में जाकर तप किया करते थे। ऐसे में उन स्थानों पर उनके अनुयायियों ने मठ और मंदिर बनवा दिए हैं, लेकिन आज भी वो जमीनें मंदिरों के नाम नहीं हुई है। उन्होंने मांग उठाते हुए कहा कि उन सबके भी सर्वे होने चाहिए। उन संस्थाओं मंदिर और मठों के नाम उन जमीनों को मुख्यमंत्री को रेगुलराइज कर देना चाहिए।