जोशीमठ पहुंचे शंकराचार्य वासुदेवानन्द सरस्वती, लोगों ने किया स्वागत

चमोली। शंकराचार्य वासुदेवानन्द सरस्वती के जोशीमठ पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने उनका फूल मालाओं से स्वागत किया। शंकराचार्य वासूदेवानन्द सरस्वती 9 जून तक जोशीमठ में ही प्रवास करेंगे। शंकराचार्य ने अपने प्राचीन मठ में पहुंचकर अनुयाइयों को आर्शीवाद दिया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म दुनिया का सबसे प्राचीन धर्मों से शामिल है। इसलिए हमें हिन्दू होने पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे पीठ के सेवक हैं वास्तव में ज्योर्तिमठ तो यहां के निवासियों का है। जब तक वे जिंदा हैं पीठ एवं मठ की सेवा करते रहेंगे। शंकराचार्य ने कहा कि श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट का सदस्य होना गौरव की बात है। इस माध्यम से उन्हें श्री राम की सेवा का मौका इस जीवन में मिला है। स्वामी वासुदेवानन्द सरस्वती ने कहा कि मोदी एक विश्व नेता के रूप में उभरे हैं व वे एक धार्मिक व्यक्तित्व भी हैं उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में दुनिया के सबसे सुंदर मंदिरों में शुमार राम मंदिर एवं काशी विश्वनाथ का नव निर्माण हुआ है। जो युगों तक याद रखा जायेगा। पीठ पुरोहित ऋषि सती ने बताया कि 24 मई को शंकराचार्य श्री बदरीनाथ के दर्शन को जायेंगे। जोशीमठ प्रवास के दौरान जहां प्रतिदिन मठ में नित्य सतसंग, भगवान शिव का नित्य रूद्राभिषेक चलता रहेगा। स्वागत करने वालों में शैलेंद्र पंवार, ऋषि सती, अमित सती, रविंद्र शाह, लक्ष्मण फरकिया, ओमप्रकाश डोभाल, मुकेश कुमार आदि मौजूद रहे।