झारखंड, कोलकाता, शिमला और लखनऊ एक साथ घूमना है तो उत्तराखण्ड चले आइए

देहरादून। यदि हम आपको बतायें कि झारखंड और कोलकाता, शिमला और नवाबों का शहर लखनऊ उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर जिले में मौजूद है तो आप चैाकिए मत, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि देश के बड़े-बड़े महानगर और राज्य के नामों पर अपने ऊधमसिंह नगर जिले में छोटे-छोटे गांव बसे हुए हैं। यहां झारखंड भी है और कलकत्ता भी। पहाड़ों की रानी शिमला भी है तो नवाबों का शहर लखनऊ भी मौजूद है। ऊधमसिंह नगर जिले में एक से एक रोचक नामों के गांव बसे हुए हैं।
सितारगंज ब्लॉक में हरियाणा की मेट्रो सिटी गुरुग्राम के नाम पर गांव मौजूद है। यहां इटावा जिले से मिलता-जुलता इटव्वा गांव भी है। वहीं रुद्रपुर ब्लॉक में पहाड़ों की रानी शिमला के नाम पर शिमला पिस्तौर गांव है। गदरपुर ब्लॉक में लखनऊ, कलकत्ता और रायपुर गांव बसा हुआ है।
बाजपुर ब्लॉक में झारखंड के नाम पर झारखंडी गांव है तो गजरौला भी मौजूद है। श्रीराम, लक्ष्मण, सीता और भरत के नाम पर भी गांव जिले में रामायण कालखंड के पात्रों के नाम पर भी कई गांव मौजूद हैं। गदरपुर में श्रीरामपुर गांव बसा हुआ है तो बाजपुर ब्लॉक में लखनपुर गांव मौजूद है। काशीपुर ब्लॉक में सीतारामपुर गांव है। वहीं जसपुर ब्लॉक में भरतपुर भी है। जसपुर में ही कृपाचार्यपुर गांव भी है। इन गांवों के नाम सुनने में थोड़े रोचक भी हैं और ऐतिहासिक तथ्यों को समेटे हैं। यही यहां एक और बात है जो कि काफी रोचक है इस जिले का नाम उधमसिंह नगर जरूर है लेकिन पूरे जिले में इस नाम का न तो कोई शहर है और न कोई कस्बा। साल 1995 में अविभाजित यूपी सरकार में रहते तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने इस जिले का गठन किया था। मायावती ने शहीद ऊधम सिंह कांबोज के नाम पर जिले का नाम ऊधमसिंह नगर रखा था। रोचक तथ्य यह है कि पूरे जिले में ऊधमसिंह नगर नाम का कोई शहर या कस्बा नहीं है। अमूमन देशभर में जितने भी जिले हैं उस नाम के जिले में शहर भी मौजूद हैं। ज्यादातर में जिला मुख्यालय बना है लेकिन यहां ऐसा कुछ भी नहीं है। तो यदि कभी कोई आपको कहे कि उत्तराखण्ड के लखनऊ हो के आया तो आप बिल्कुल भी चौंकिए मत।