
अल्मोड़ा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, उत्तराखंड के तत्वावधान में गुरुवार को जनपदीय विज्ञान संगोष्ठी का आयोजन आर्य कन्या इंटर कॉलेज, अल्मोड़ा में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्या दीप्ति शाह ने की। इस अवसर पर डायट अल्मोड़ा के प्राचार्य ललित मोहन पांडे ने प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज का युग वैज्ञानिक सोच और खोज का युग है। ऐसे आयोजनों से विद्यार्थियों में जिज्ञासा और प्रयोगशीलता की भावना विकसित होती है, जो उन्हें नई खोजों के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने क्वांटम युग की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए बताया कि क्वांटम यांत्रिकी की नींव सन् 1900 के आसपास मैक्स प्लैंक द्वारा ऊर्जा के ‘क्वांटा’ की अवधारणा प्रस्तुत करने से पड़ी। इसके बाद 1920 के दशक में नील्स बोहर, वर्नर हाइजेनबर्ग और इरविन श्रोडिंगर के कार्यों से आधुनिक क्वांटम सिद्धांत का विकास हुआ, जिसने उप-परमाण्विक कणों के व्यवहार को समझने में क्रांतिकारी भूमिका निभाई। जिला विज्ञान समन्वयक विनोद कुमार राठौर ने संगोष्ठी के उद्देश्यों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए बताया कि जनपद स्तर पर प्रथम और द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी आगामी 13 अक्टूबर को पिथौरागढ़ में होने वाली राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में अल्मोड़ा का प्रतिनिधित्व करेंगे। उन्होंने बताया कि जिला स्तरीय प्रतियोगिता में विकासखंड स्तर पर चयनित कुल 17 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। संगोष्ठी में निर्णायक की भूमिका अशोक रावत, दीप जोशी और पंकज जोशी ने निभाई। इस अवसर पर प्रधानाचार्या दीप्ति शाह ने भी छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि विज्ञान केवल अध्ययन का विषय नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक दृष्टि है।कार्यक्रम में मार्गदर्शक शिक्षकों के रूप में प्रदीप सिंह बिष्ट, नीरज जोशी, दीप पांडे, धीरज कुमार, नवीन चंद्र उपाध्याय आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. भुवन पांडे, जिला संदर्भ व्यक्ति (विज्ञान) एवं प्रवक्ता, डायट अल्मोड़ा, तथा जिला विज्ञान समन्वयक विनोद कुमार राठौर ने संयुक्त रूप से किया।