जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा के लिए सोलर चैन लिंक फेंसिंग योजना प्रभावी

अल्मोड़ा। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में जंगली जानवरों से फसलों को हो रहे नुकसान को देखते हुए कृषि विभाग द्वारा अल्मोड़ा जनपद में सोलर चैन लिंक फेंसिंग योजना को प्रभावी रूप से लागू किया गया है। मुख्य कृषि अधिकारी विनोद शर्मा ने जानकारी दी कि जंगली सूअर, बंदर और लंगूर जैसे जानवर किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे न केवल किसानों की आय प्रभावित होती है बल्कि कई किसान खेती छोड़ने और पलायन करने को भी मजबूर हो जाते हैं। इस गंभीर समस्या के समाधान हेतु कृषि विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 43 गांवों को सोलर चैन लिंक फेंसिंग से संरक्षित किया गया है। इनमें से 31 गांवों में कार्य जिला योजना के अंतर्गत तथा 12 गांवों में मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के तहत किया गया। योजना के अंतर्गत खेतों की चारदीवारी 4 फीट ऊंची चैन लिंक जाली से की गई है, जिसके ऊपर 1.5 फीट ऊंचाई तक सौर ऊर्जा से संचालित तीन झटका देने वाले करंटयुक्त तार लगाए गए हैं। इस तरह कुल 5.5 फीट ऊंची फेंसिंग से खेतों की रक्षा सुनिश्चित की गई है। इस तकनीक से जहां जंगली सूअर और आवारा पशु खेतों में प्रवेश नहीं कर पाते, वहीं करंटयुक्त तारों के कारण बंदर और लंगूर भी खेतों से दूर रहते हैं। सौर ऊर्जा आधारित इस प्रणाली से किसानों को बिजली व्यय का भार नहीं उठाना पड़ता और पर्यावरण के अनुकूल समाधान भी उपलब्ध होता है। विनोद शर्मा ने बताया कि सोलर चैन लिंक फेंसिंग योजना का जनपद में सकारात्मक असर दिख रहा है। इससे किसानों की खेती सुरक्षित हुई है और आजीविका में सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में योजना के विस्तार की तैयारी की जा रही है ताकि अधिक से अधिक गांवों और किसानों को इसका लाभ मिल सके।

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