जल संस्थान में वरिष्ठता निर्धारण पर फिर घमासान

देहरादून(आरएनएस)। जल संस्थान में सहायक अभियंता पद पर वरिष्ठता निर्धारण की कोशिश एकबार फिर असफल होती नजर आ रही है। सहायक अभियंता पद पर मौजूदा वरिष्ठता सूची के अनुसार प्रमोशन करने पर सात साल से प्रभारी अधीक्षण अभियंता पद की जिम्मेदारी देख रहे इंजीनियर सीधे अधिशासी अभियंता पद पर रिवर्ट होंगे। इन एसई के अधीन अभी तक ईई का काम देखने वाले नियमित एसई बनेंगे। इस पहलू को लेकर जल संस्थान मुख्यालय से लेकर शासन तक उलझन में है।
जल संस्थान में मौजूदा समय में एसई के 12 पद हैं। सभी पदों पर सात साल से प्रभारी व्यवस्था में काम चलाया जा रहा है। जो लोग वरिष्ठता सूची में ऊपर हैं, वे एसई के पद पर प्रमोशन से जुड़ी अर्हताओं को पूरा नहीं कर पा रहे थे। जो लोग अर्हताएं पूरी करते हैं, वरिष्ठता में नीचे हैं। इसी वजह से प्रभारी व्यवस्था में सात साल से एसई की जिम्मेदारी देकर काम चलाया गया।
अब पदोन्नति में शिथिलता का लाभ मिलने पर वरिष्ठता में ऊपर ईई भी एसई के पद पर प्रमोशन के योग्य हो गए हैं। नियमित प्रमोशन होते ही इंजीनियर रिवर्ट हो जाएंगे। इस दिक्कत से बचने को जल संस्थान प्रबंधन एसई के पदों को 12 से बढ़ा कर 20 करने की कोशिशें कर रहा है। इससे पहले एई पद पर सिविल और विद्युत यांत्रिक कैडर को अलग अलग करने के प्रयास हुए। कैडर अलग अलग कर पदों को एक एक में बांटने का प्रयास हुआ। ये फार्मूला जेई से लेकर जीएम स्तर तक फिट न बैठने के कारण मुहिम अधर में लटक गई है।
पेयजल एजेंसियों में अलग अलग नियम
जल संस्थान और जल निगम पेयजल विभाग की दो एजेंसियां हैं। जल निगम का काम पेयजल, सीवरेज योजनाओं का निर्माण करना और जल संस्थान को हैंडओवर होने तक उनका संचालन करना है। जल निगम से योजनाएं हैंडओवर होने के बाद उनके संचालन का जिम्मा जल संस्थान के पास रहता है। इसके बावजूद दोनों एजेंसियों के नियम अलग अलग हैं। जल निगम में सिविल और इलेक्ट्रिक का ढांचा पूरी तरह अलग है। इलेक्ट्रिकल वाले इंजीनियरों को अधिकतम प्रमोशन अधीक्षण अभियंता के पद तक ही होता है। वहीं जल संस्थान में सिविल और इलेक्ट्रिकल का भर्ती प्रस्ताव अलग अलग जाता है। परीक्षा भी अलग अलग होती है, लेकिन ढांचा एक है। वरिष्ठता भी एक है। इसी पर विवाद चल रहा है।
समस्या से निपटने को बढ़ाने होंगे एसई के नौ पद
इस समस्या से निपटने को जल संस्थान मैनेजमेंट एसई के पद बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। महाप्रबंधक मुख्यालय डीके सिंह ने बताया कि इस समस्या के समाधान के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। पद बढ़ाने को शासन को प्रस्ताव भेजा जा रहा है।
सहायक अभियंता पद पर वरिष्ठता निर्धारण से लेकर विद्युत और सिविल का ढांचा अलग अलग किए जाने के मामले में विचार मंथन जारी है। एक विभाग में एक ही नियमावली के तहत व्यवस्था तय की जाएगी। नियमावली के अनुरूप ही इस मसले का समाधान किया जाएगा। – शैलेश बगोली, सचिव पेयजल