जागेश्वर महादेव एक माह तक घी से तैयार गुफा में रहेंगे तपस्यामय

अल्मोड़ा(आरएनएस)।  अल्मोड़ा जनपद स्थित विश्व प्रसिद्ध जागेश्वर धाम के ज्योर्तिलिंग को परंपरा के अनुसार एक माह के लिए घी से ढक दिया गया है। मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर भोग पूजन के दौरान ज्योतिर्लिंग को 251 किलो गाय के घी को पानी में उबालकर शुद्ध रूप देते हुए गुफा का रूप देकर ढक दिया गया है। एक माह बाद संक्रांति के दिन शिवलिंग को भक्तजनों के लिए खोल दिया जाएगा। फिलहाल श्रद्धालु गुफा में तपस्यामय ज्योतिर्लिंग पर ही पूजन व जल अर्पित करेंगे। माना जाता है कि भगवान भोलेनाथ मकर संक्रांति के दिन एक माह के लिए गुफा में तपस्या में लीन हो जाते हैं। प्राचीन परंपरा के अनुसार प्रत्येक माघ मास की संक्रांति के अवसर पर गाय के 251 किलो घी को खौलते पानी में उबालकर शुद्ध किया जाता है फिर उसे जटा गंगा नदी के ठंडे पानी में डालकर ठंडा किया जाता है। इसके बाद घी से ज्योर्तिलिंग को ढक कर गुफा का रूप दिया जाता है। माघ मास के अंत में, इस पवित्र घी को प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं में वितरित किया जाएगा। उस दिन गुफा रूपी घृत शिवलिंग को प्रसाद रूप में भक्तों को बांटा जाता है। इस दौरान जागेश्वर पहुंचने वाले श्रद्धालु घी से ढके गुफा रुपी शिवलिंग को जल चढ़ा सकते हैं, लेकिन ज्योतिर्लिंग के दर्शन नहीं कर सकते। मंगलवार को हुई पूजा के दौरान मंदिर के मुख्य पुजारी हेमंत भट्ट, नवीन भट्ट, पुजारी प्रतिनिधि नवीन चंद्र भट्ट, शुभम भट्ट आदि उपस्थित रहे।

Powered by myUpchar

error: Share this page as it is...!!!!
Exit mobile version