आईएसबीटी पर एमडीडीए को जबरन लेना पड़ा कब्जा

देहरादून। आईएसबीटी पर एमडीडीए ने एकतरफा कब्जा ले लिया है। रैमकी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर ने हस्तांतरण पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए। एमडीडीए ने आईएसबीटी के संचालन की जिम्मेदारी अधीक्षण अभियंता एससीएस राणा को दी है। रोडवेज के साथ अनुबंध होने तक एमडीडीए खुद ही आईएसबीटी का संचालन करेगा। एमडीडीए के स्वामित्व वाले आईएसबीटी को 2003 में 20 साल के लिए पीपीपी मोड पर हैदराबाद की रैमकी कंपनी को दिया था। बुधवार को यह करार समाप्त हो गया था। गुरुवार को सुबह 11 बजे सचिव मोहन सिंह बर्निया के नेतृत्व में एमडीडीए की टीम आईएसबीटी पहुंची। यहां रैमकी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर मेजर (रिटायर) बीएस नेगी से हस्तांतरण पत्र हस्ताक्षर करने को कहा। वह दस मिनट में आने की बात कहकर गायब हो गए। कई बार फोन करने के बाद वापस दफ्तर पहुंचे, लेकिन उन्होंने फिर भी पत्र पर
हस्ताक्षर नहीं किए और ऑफिस से चले गए। इसके बाद एमडीडीए ने एकतरफा कब्जा ले लिया। दफ्तर के बाहर लिखे रैमकी पर सफेद पेपर चिपकाया दिया। कंपनी के कर्मचारियों से हस्ताक्षर लिए गए। मौके पर एमडीडीए के संयुक्त सचिव रज्जा अब्बास, वित्त नियंत्रक संजीव सिंह, ईई सुनील कुमार, कानूनी सलाहकार मनमोहन शर्मा आदि मौजूद रहे।


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