यूक्रेन युद्ध : इंडियन बताते ही रूसी सेना ने छात्राओं को जाने दिया, यूक्रेन की सेना ने दिखाया खौफ

मोबाइल रिचार्ज नहीं होने से परिवार से संपर्क भी टूटा
कानपुर (आरएनएस)। कानपुर की कीर्ति समेत सुमी के हॉस्टल में रह रहे छात्र-छात्राओं को यूक्रेन की सेना व मिलीशिया (सेना के साथ सिविलियन) ने ढाल बना लिया है। रूसी सेना का भारतीयों के प्रति नरम रुख उन्हें नहीं भा रहा है। वे हॉस्टल से निकलने का प्रयास करते हैं लेकिन यूक्रेन की सेना व मिलीशिया इन्हें युद्ध का खौफ दिखाकर वापस बंकरों में भेज देती है। अब स्थिति यह है कि शहर की बिजली सप्लाई बंद हो जाने से मोबाइल तक रिचार्ज नहीं हो पा रहे हैं। परिवार से संपर्क भी टूट गया है।
शहर में एनआरआई सिटी के करीब रहने वाला कीर्ति मिश्रा का परिवार बेहद चिंता में है। परिवार के सदस्यों को अब तक जो जानकारी मिली है उसमें सुमी से भारतीयों का निकलना इसलिए भी मुश्किल भरा हो गया है क्योंकि यूक्रेन की सेना और वहां के लोग नहीं चाहते कि भारतीय वहां से निकल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचें। वे कीर्ति समेत यहां के 15 सौ छात्रों को ढाल बनाकर रखना चाहते हैं।
कीर्ति ने अपने परिवार को जानकारी दी थी कि जब हॉस्टल में खाने का संकट बेहद नाजुक मोड़ पर पहुंच गया तो छात्राएं भोजन की तलाश में बाहर निकली थीं। जब वे खाने की सामग्री किसी तरह लेकर लौट रही थीं तो उन्हें रूसी सेना ने घेर लिया। पर इंडियन बताते ही हिदायतों के साथ उन्हें जाने दिया। पर यूक्रेनी सेना उन्हें निकलते वक्त बार-बार लौटा देती है। एडवाइजरी के बाद जब अस्थायी युद्ध विराम के बीच छात्राओं ने शनिवार को यहां निकलना चाहा तो उन्हें लौटा दिया गया।
बिजली का संकट बढ़ा
कीर्ति की बहन शिखा मिश्रा ने बताया कि संपर्क करने के लिए कई बार प्रयास किया लेकिन मोबाइल स्विच ऑफ जा रहा है। पहले जब कॉल नहीं मिल पाती थी तो व्हॉट्सएप कॉल हो जाती थी।अब यह कॉल भी नहीं हो पा रही है। रात में ही यह लग गया था कि शायद अब बात करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा। जब कभी बिजली बहाल होगी तो बात हो सकेगी। रविवार रात कीर्ति ने यह बता दिया था कि यहां अब बिजली का संकट बढ़ गया है। ऐसे में शायद मोबाइल चार्ज न हो पाए और संपर्क टूट जाए।
बेहद खराब हैं हालात
शिखा ने बताया कि बहन से रविवार रात जो बात हुई थी उससे तो लग रहा था कि हालात बेहद खराब हैं। लगातार धमाकों की आवाजें आ रही थीं। वहां रूसी और यूक्रेनियन सेना के बीच जोरदार फायरिंग हो रही है। धमाकों की आवाजों से वहां के सभी छात्र सहमे हुए हैं। खाने पीने का संकट है। जोखिम उठाकर ही खानपान का सामान आता है। यूक्रेन के लोग मदद कर रहे हैं लेकिन अब वे भी असहाय हो गए हैं।
कीर्ति ने बताया है कि सुमी मेडिकल यूनिवर्सिटी में करीब 15 सौ छात्र हैं जो यहां के पांच हॉस्टलों में रह रहे हैं। जो शुरुआती दौर में निकले थे वही निकल पाए हैं।यहां के हालात के चलते बाद में कोई नहीं जा सका।