आइजी केवल खुराना और एसएसपी अजय सिंह हुए स्मार्ट पुलिस अवार्ड से सम्मानित

देहरादून। सराहनीय कार्यों के लिए उत्तराखंड पुलिस के दो अधिकारियों को फेडरेशन आफ इंडियन चैंबर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) स्मार्ट पुलिसिंग अवार्ड से सम्मानित किया गया है। दिल्ली में आयोजित समारोह में आइजी केवल खुराना को सड़क सुरक्षा व यातायात व्यवस्था और एसएसपी अजय सिंह को ई-सुरक्षा चक्र के लिए यह अवार्ड प्रदान किया गया।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने दोनों अधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए आगे भी बेहतर पुलिसिंग जारी रखने के लिए प्रेरित किया। फेडेरशन आफ इंडियन चैंबर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री की ओर प्रत्येक वर्ष पुलिसिंग में बेहतर कार्य पर यह सम्मान प्रदान किया जाता है। अवार्ड के लिए वर्ष 2021 में देश भर के राज्यों, सेंट्रल पैरामिलिट्री आर्गेनाइजेशन से 192 आवेदन आए थे, जिसमें उत्तराखंड के दो अधिकारियों ने स्थान पाया।

उत्तराखंड ट्रैफिक आइ-एप के लिए अवार्ड
आइजी केवल खुराना को यातायात निदेशक के पद पर रहते हुए बेहतर सड़क सुरक्षा व यातायात व्यवस्था बनाने और उत्तराखंड ट्रैफिक आइ-एप के लिए अवार्ड दिया गया। 29 फरवरी 2020 को यातायात निदेशक ने एप का आरंभ किया था। एप के माध्यम से वर्ष 2020 से 2022 तक 70247 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिन पर कार्रवाई करते हुए करीब 44 लाख 84 हजार 400 रुपये संयोजन शुल्क वसूला गया।

अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा
FICCI द्वारा दूसरा अवार्ड  अजय सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ को साइबर  क्राइम मैनेजमेंट  श्रेणी में स्मार्ट पुलिसिंग की पहलों के लिए शुरू किए गए ई सुरक्षा चक्र 2.0 के लिए प्रदान किया गया। स्पेशल टास्क फोर्स उत्तराखण्ड राज्य में घटित गम्भीर प्रकृति के अपराधों एंव साइबर क्राईम के अपराधों की रोकथाम हेतु नोडल एजेन्सी के रुप में कार्यरत है । स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा सयुक्त रुप से घटित साइबर क्राईम, वित्तीय हानि के अपराधों के प्रति आम जनता को जागरुक किये जाने हेतु व्यापक स्तर पर कार्य किया जा रहा है । साथ ही समय समय- पर सम्पूर्ण भारतवर्ष से ऐसे अपराधियों की गिरफ्तारी कर साइबर क्राईम के अपराधों में काफी हद तक अंकुश लगाया गया है।
स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा साइबर क्राईम के क्षेत्र में उच्च कार्यदक्षता का परिचय दिया गया तथा उत्तराखण्ड की वह प्रथम एजेन्सी बनी जिसके द्वारा क्रिप्टो करेन्सी के माध्यम से धोखाधडी करने वाले अपराधियों के विरुद्व कानूनी कार्यवाही कर ऐसे अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा गया। साथ ही मेंवात (राजस्थान/झाऱखण्ड) के ऐसे दुर्गम क्षेत्रो में जहाँ पर साइबर अपराधियों द्वारा साइबर अपराध सम्बन्धी घटनाओं को कारित किया जा रहा था स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा ऐसे दुर्गम स्थानों पर अपनी पकड़ बनाते हुये इन क्षेत्रो से साइबर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुचाया गया। देश की विभिन्न नोडल एजेन्सियों (ई0डी0/आई0बी0/आर0ओ0सी0/दूरसंचार/रिर्जव बैक) से सम्पर्क स्थापित कर साइबर क्राईम के क्षेत्र में बढ रहे अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाया गया है। साइबर अपराधों से निपटने के लिए साइबर हैकाथॉन का दूसरा संस्करण आयोजित करने वाली देश की पहली राज्य पुलिस बनी।