हिन्दी विश्व की सबसे बड़ी सम्पर्क भाषा: शुक्ला

 देहरादून। हिन्दी विश्व की सबसे बड़ी सम्पर्क भाषा है। वर्तमान वैश्विक परिवेश में भारत की बढ़ती उपस्थिति हिन्दी का उन्नयन कर रही है। हिन्दी राष्ट्रभाषा की गंगा से विश्व भाषा की गंगासागर बनने की प्रक्रिया में है। धीरे धीरे विश्व स्तर पर हिन्दी की स्वीकार्यता बढ़ रही है। यह कहना है हिन्दी साहित्य भारती के संस्थापक, केन्द्रीय अध्यक्ष व पूर्व कैबिनेट मंत्री यूपी रविन्द्र शुक्ला का।
दून प्रवास के दौरान उन्होंने कहा कि हिन्दी 64 करोड़ लोगों की मातृभाषा, 20 करोड़ लोगों के लिए दूसरी तथा 44 करोड़ लोगों के लिए तीसरी भाषा है। जबकि शेष लोग उसे विदेशी भाषा के रूप में प्रयुक्त कर रहे हैं। डा. जयन्ती प्रसाद नौटियाल के एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि विश्व में हिन्दी जानने वालों की संख्या एक अरब 29 करोड़ 86 लाख 17 हजार 995 है। जो कि विश्व की सम्पूर्ण जनसंख्या का 18 प्रतिशत है। जबकि चीनी(मन्दारिन) बोलने वालों की संख्या मात्र नब्बे करोड़ चार लाख छह हजार छ सौ चौदह है। हिन्दी का प्रसार दक्षेस देशों, खाड़ी देशों, यूरोप एवं अमेरिका के अलावा उन देशों में बहुतायत से प्रयुक्त होती है। जहां भारतीय श्रमिक ब्रिटिश शासन काल में विशेष अनुबन्ध के तहत गये थे। ऐसे देशों में मारिशस, फिजी, सूरीनाम, गयाना, ट्रिनिडाड और टोबैको है। भारत के बाहर फिजी एक ऐसा देश है जहां हिन्दी को राजभाषा का दर्जा प्राप्त है। इस अवसर पर हिन्दी साहित्य भारती के केन्द्रीय मार्गदर्शक निरंजनी अखाड़े के महामण्डलेश्वर डा. शाश्वतानन्द गिरी महाराज, केन्द्रीय उपाध्यक्ष व साहित्यकार डा. बुद्धिनाथ मिश्र, केन्द्रीय मंत्री डा. अनिल शर्मा आदि उपस्थित रहे।