हिमालयी राज्यों की आत्मनिर्भरता के लिए डेटा बैंक को मजबूत करें शोधार्थी

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अल्मोड़ा। इनहाउस परियोजना के प्रथम चरण के तहत गोविंद बल्लभ राष्ट्रीय हिमालयन संस्थान कोसी में किसानों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। शिविर में 36 किसानों ने प्रतिभाग किया। इस मौके पर कनेली व बिसरा के किसानों को बेमौसमी सब्जी उत्पादन सरंक्षित खेती, जैविक खादों का उपयोग, जैविक ईधन की विस्तार से जानकारी दी गई। इसके साथ ही किसानों को मौन पालन व मौन से उत्पादित शहद, मौम, पराग, गोद, रायल जेली के बारे में विस्तार से बताते हुए परापरागण विधि से उत्पादित फसलों को में बढ़ोत्तरी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डा. देवेंद्र चौहान ने पिरूल को जंगलों से हटा कर जंगलों में आग लगने से होने वाली हानी के बारे में बताते हुए पिरूल से कागज बनाने व कोयला बनाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। शिविर का उद्घाटन संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. जीसी एस नेगी, डा. सतीश चंद्र आर्य, ने किया। यहां डा. सतीश चंद्र आर्य, दरबान सिंह, डा. देवेंद्र चौहान, राजेंद्र कांडपाल, डा. दीपा बिष्ट, डा. शैलजा पुनेठा, दीप्ती भोजक मौजूद रहे।


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