हिमालयी क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर हुआ सेमिनार

श्रीनगर गढ़वाल। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि के सीनेट हाल में डॉ. आंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र के तत्वावधान में हिमालयी क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर सेमिनार आयोजित किया गया। इस मौके पर मुख्य वक्ता के रूप में हिमालय की भौगोलिक, सांस्कृतिक और पारिस्थितिक स्थिति के विशेषज्ञ बेसिक और सामाजिक विज्ञान विभाग वानिकी कॉलेज रानीचौरी टिहरी भरसार के डॉ. एसपी सती ने कहा कि जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारण अनियंत्रित और अनियोजित विकास है। जिसके केंद्र में पर्यावरण कभी नहीं रहा। डा. सती ने कहा वर्तमान दौर में जलवायु परिर्वतन में कार्बन उत्सर्जन अत्यधिक मात्रा में योगदान दे रहा है। जिस कारण हिमालयी क्षेत्रों में जीव एवं वनस्पति जगत को नुकसान हो रहा है। इससे कई वनस्पतियां और जीवों की प्रजातियां विलुप्ति की कगार पर हैं और कई विलुप्त हो चुकी है। कहा पर्यावरण को आम जनता की जागरूकता ही बचा सकती है। डा. आंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र के समन्वयक प्रो. एमएम सेमवाल कहा कि वर्तमान में हमें प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन ऐसे करना होगा, कि उनका संरक्षण भी हो और भविष्य की जनसंख्या की मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति भी हो सके। गढ़वाल विवि एलुमनाई एसोसिएशन के सचिव महिपाल रावत, केंद्र की उप संयोजक प्रो. सीमा धवन, पवन कुमार कोठियाल, कुलदीप रावत, डीएसडब्लू प्रो. एमएस नेगी, मुख्य नियंता प्रो.बीपी नैथानी, डा. नरेश कुमार, डॉ. महेंद्र बाबू आदि मौजूद रहे। संचालन शोध छात्रा शिवानी पांडेय ने किया।

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