हिमाचल से भी खरीद सकते है किसान सेब के पौधे: जोशी

देहरादून। उत्तराखंड के सीमावर्ती गांवों के हिमाचल प्रदेश की नर्सरियों से पौधे खरीद सकते हैं। बशर्तें ये नर्सरियां उद्यान विभाग से मान्य होंगे। कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने शनिवार को बताया कि प्रदेश में सेब की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार 500 सेब के बागीचे स्थापित करेगी। बागीचों की स्थापना के लिए 80 फीसदी तक सरकारी सहायता देने का निर्णय किया गया है।  जोशी ने कहा कि किसान अपनी जरूरत के अनुसार पौधों और अन्य जरूरी सामग्री को खरीदने के लिए स्वतंत्र हैं। बागीचे विकसित करने के लिए वे मान्य नर्सरियों और कंपनियों से सहायता ले सकते हैं।
बडकोट की नर्सरी को क्लीन चिट: उत्तरकाशी के बडकोट तहसील के लोदन गांव में बागीचे विकसित के लिए तय की गई फर्म की वैधता पर लग रहे आरोपों को खारिज कर दिया गया। कृषि मंत्री ने बताया कि इस फर्म ने जम्मू कश्मीर के कुलगाम की ग्रीन नर्सरी का एक भाग चार साल के कांट्रेक्ट पर लिया गया है। इनमें सेब, कीवी, चेरी, प्लम, खुमानी, अखरोट का उत्पादन ग्रीन नर्सरी के सहयोग से किया जा रहा है। इस नर्सरी के फल पौधों का सत्यापन जम्मू कश्मीर में विभागीय समिति द्वारा किया गया है। इसके लिए उत्तराखंड फल पौधशाला (विनियमन) अधिनियम में भी व्यवस्था रखी गई है। मालूम हो स्थानीय ग्रामीणों की शिकायत थी कि उनके क्षेत्र में ऐसी कंपनी को पौधे देने का काम दे दिया गया है, जिसकी स्थानीय स्तर पर कोई नर्सरी ही नहीं है। जांच में पाया गया कि कांट्रेक्ट फार्मिग के जरिए यह फर्म कश्मीर में पौधे उगाती है। वहां से पौधे लाकर किसानों को पौधे उपलब्ध कराती है।


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