हेमकुंड साहिब में दर्शन के बाद लौटते हुए 15 पाकिस्तानी श्रद्धालुओं की तबियत बिगड़ी, हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू

चमोली(आरएनएस)।  श्री हेमकुंड साहिब के दर्शन करके वापिस लौटते समय 87 पाकिस्तानी श्रद्धालुओं के एक जत्थे में 15 श्रद्धालु घांगरिया से कुछ पहले बीमार हो गए। पुलिस ने हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर श्रद्धालुओं को गोविन्दघाट पहुंचाया।   गोविन्दघाट में गुरूद्वारे की डिस्पेंसरी और सरकारी चिकित्सालय में प्राथमिक उपचार के बाद सभी श्रद्धालु ऋषिकेश के लिए रवाना हो गए हैं। गुरूद्वारा गोविन्दघाट प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया कि सभी श्रद्धालु अब पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं।  संभवतः अधिक उंचाई के कारण कुछ की तबियत खराब हो गई थी। घांगरिया पुलिस चौकी प्रभारी अमनदीप सिंह ने बताया कि पाकिस्तान से आये 87 श्रद्धालुओं के जत्थे के लीडर हितेश कुमार निवासी कराची ने पुलिस चौकी घांगरिया में आकर बताया कि उनके जत्थे में शामिल 15 सदस्य जिनमें अधिकांश महिलाएं हैं।  अधिक थकान के कारण बीमार हो रही हैं और पैदल नहीं चल पा रही है। महिलाओं को बुखार और चक्कर आ रहे थे। जिसके बाद पुलिस जिला प्रशासन से संपर्क साधकर ने सभी बीमार 15 श्रद्धालुओं को हेलीकाप्टर के माध्यम से गोविन्दघाट पहुंचाया।  जहां पर उनका उपचार किया गया। चौकी प्रभारी ने बताया कि सभी श्रद्धालु पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं। पाकिस्तान से हेमकुंड साहिब की यात्रा पर आये और दर्शन कर लौटे 87 हिन्दू सिख तीर्थ यात्रियों में 30 महिला तथा 33 पुरुष यात्री और 24 बच्चे शामिल थे।

भारत-पाक के बीच मधुर सम्बंधों के लिए अरदास
पाकिस्तान से हेमकुंड साहिब की यात्रा पर आये 87 हिंदू सिख यात्रियों ने कहा कि कहा भारत से अच्छा संदेश और अनुभव लेकर पाकिस्तान लौट रहे हैं। गोविन्द घाट गुरुद्वारा के प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया कि पाकिस्तान यात्रियों के जत्थे का नेतृत्व कपिल कुमार, हृदयेश कुमार और प्रकाश कुमार कर रहे थे। गुरुद्वारा में दोनों देशों के अच्छे संबंधों के लिए अरदास की गई।  गोविन्दघाट गुरूद्वारा प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया कि 4 अक्तूबर को यह जत्था ऋषिकेश से चला था व 5 को घांगरिया पहुंचा। बताया कि जत्थे के सदस्यों ने 6 को हेमकुंड के दर्शन किए जिसके बाद आज गोविन्दघाट पहुंचने पर गुरूद्वारा श्री हेमकुंड साहब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेन्द्र जीत सिंह बिन्द्रा ने सभी पाकिस्तानी सिख श्रद्धालुओं को सरोपा भेंटकर गुरूद्वारा गोविन्दघाट से उनकी सुखद यात्रा की मनौतियों के साथ वापस रवाना किया।


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