हत्या के मामले में अभियुक्त की जमानत याचिका ख़ारिज
अल्मोड़ा। हत्या के एक मामले में सत्र न्यायाधीश मलिक मजहर सुल्तान की अदालत में अभियुक्त हीरा लाल पुत्र स्व0 राम लाल निवासी ग्राम दाडिम पो० सत्यों थाना लमगड़ा जिला अल्मोड़ा ने धारा 302, 201 / 34 ताहि के तहत अपने अधिवक्ता के माध्यम से अपनी जमानत हेतु जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत की गयी। जिस पर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा ने न्यायालय को परिस्थितिजन्य साक्ष्य व गवाहान के साक्ष्य को लिंक करते हुए बताया कि वादी मुकदमा महेश लाल पुत्र स्व० पनी राम निवासी ग्राम कलसीमा पो० चौमू तहसील व जिला अल्मोड़ा द्वारा 25 अप्रैल 2021 को थाना लमगड़ा जिला अल्मोड़ा में एक लिखित तहरीर इस आशय से दी कि मेरा छोटा भाई गिरीश लाल 08 अप्रैल 2021 को गिरीश लाल पुत्र बसन्त राम, हीरा लाल, दया किशन खोलिया व नर सिंह के साथ नैनीताल कोर्ट में अपने कैस की तारीख में सुनवाई / पैरवी हेतु गये था और तारीख में उपस्थित होने के बाद उनके साथ ही वापस आया लेकिन कपिलेश्वर मंदिर तक साथ पहुँचने के बाद से वादी का भाई का पता नहीं चल सका। उक्त तहरीर के आधार पर एस०आई संतोष कुमार देवरानी मय पुलिस कर्मचारियों के साथ 25 अप्रैल 2021 को सिमल्टी पहुँचे तो गोपाल राम पुत्र स्व० पदी राम निवासी सिमल्टी जनपद अल्मोड़ा ने बताया कि मौना ल्वेसाल को जाने वाली सड़क के मध्य जंगल में एक शव बरामद हुआ। पुलिस मौके पर पहुंची तो शव विक्षत नग्न अवस्था में पड़ा मिला, जिसकी शिनाख्त गुमशुदा गिरीश चन्द्र के रूप में हुई तथा उक्त चारों अभियुक्तों से पूछताछ करने पर उनके द्वारा बताया गया कि मृतक गिरीश लाल की हत्या कर लाश को छिपाने व पहचान मिटाने के लिये फेंक देने की बात बताई गयी तथा पुलिस विवेचक द्वारा नामजद अभियुक्त दया किशन खोलिया व हीरा लाल को पूछताछ हेतु थाना लमगड़ा लाकर पूछताछ की गई तो अभियुक्त दया किशन खोलिया के द्वारा अपने बयानों में बताया गया कि उसके साथ वर्ष 2019 में एक शादी में मृतक गिरीश लाल के साथ गिरीश लाल पुत्र बसन्त लाल द्वारा मारपीट की गयी थी और जिस सम्बन्ध में उसके द्वारा एक मुकदमा थाना भवाली जिला नैनीताल में पंजीकृत किया गया था जो नैनीताल कोर्ट में चल रहा था, जिसमें राजीनामे की बात चल रही थी और राजीनामा इस शर्त पर होना था कि दोनों 10,000-10,000 रू० हर्जे खर्चे के रूप में देंगें। 8 अप्रैल 2021 को हीरा लाल, गिरीश लाल, मृतक गिरीश लाल, दया किशन खोलिया व नारायण सिंह उर्फ नर सिंह कपिलेश्वर से कुन्दन सिंह की टैक्सी बुक करके नैनीताल गये और रानीजाना के रू० न देने के कारण राजीनामा नहीं हो पाया और वापसी में रास्ते से शराब खरीदी और कपिलेश्वर में सबने शराब पी और शराब पीने के बाद आपस में लड़ाई झगड़ा होने पर अभियुक्त द्वारा मृतक गिरीश लाल की हत्या कर दी। शव की शिनाख्त मिटाने के लिये उसके कपड़े और जूते उतारकर जला दिये गये और लाश को नदी में ले जाकर रेत में दबा दिया फिर 11 अप्रैल 2021 की रात्रि में चारों अभियुक्तों/ व्यक्तियों क्रमश: हीरा लाल, गिरीश लाल, नर सिंह उर्फ नारायण सिंह व अभियुक्त दया किशन खोलिया ने शव को नदी में जाकर रेत से निकालकर जंगल में छिपा दिया और मृतक गिरीश लाल की ढूंढ -खोज होने पर 24 अप्रैल की रात में हीरा लाल, दया किशन खोलिया व गिरीश लाल पुत्र बसन्त लाल के द्वारा सड़े गले शव को जंगल से निकालकर मौना ल्वेशाल के जंगल में फेंक दिया गया। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा ने कहा अभियुक्त द्वारा जानबूझकर उसकी हत्या कर जघन्य अपराध कारित किया गया है यदि अभियुक्त को जमानत पर रिहा किया जाता है तो अभियुक्त अभियोजन साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर प्रभावित कर सकता है और अभियुक्त के फरार होने का अन्देशा बना हुआ है। न्यायालय द्वारा दोनों पक्षों को सुना गया और पत्रावली का परिशीलन कर अभियुक्त की जमानत प्रर्थाना पत्र को 10 सितम्बर को खारिज की गई।