डॉ. हर्षवर्धन ने आस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य मंत्री के साथ द्विपक्षीय चर्चा की

नईदिल्ली,14 जुलाई (आरएनएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने मंगलवार को द्विपक्षीय स्वास्थ्य सहयोग पर चर्चा करने के लिए आस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य मंत्री ग्रेगरी हंट के साथ डिजिटल तरीके से परस्पर बातचीत की।
भारत और आस्ट्रेलिया ने 10 अप्रैल को स्वास्थ्य एवं दवा के क्षेत्र सहयोग पर एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया है। इस एमओयू में मलेरिया एवं तपेदिक जैसे संक्रामक रोगों, मानसिक स्वास्थ्य एवं गैर- संक्रामक रोगों के प्रबंधन, एंटीमाइक्रोबायल प्रतिरोधन, फार्मास्यूटिकल्स के विनियमन, टीकों एवं चिकित्सा उपकरणों तथा स्वास्थ्य अवसंरचना के डिजिटाइजेशन जैसे परस्पर हितों के क्षेत्र शामिल हैं। एमओयू में वर्तमान कोविड महामारी जैसी सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकालों का प्रत्युत्तर भी शामिल है।
आरंभ में, डॉ. हर्ष वर्धन ने ग्रेगरी हंट की आटिज्म से पीडि़त बच्चों के लिए 5 किमी की दौड़ आयोजित करने तथा किशोर मधुमेह को लेकर जागरूकता फैलाने जैसे परोपकारिता से जुड़े आयोजनों के लिए भूरि भूरि प्रशंसा की। एक साथ काम करने की आवश्यकता पर बोलते हुए, डॉ. हर्ष वर्धन ने रेखांकित किया कि ‘जहां आस्ट्रेलिया विकसित देशों के बीच सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य प्रणाली वाला देश है, भारत इस क्षेत्र में सबसे तेज गति से बढऩे वाला देश है और उम्मीद है कि अगले 10 वर्षों में यह 275 बिलियन डॉलर के आंकड़े को छू सकता है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में चाहे किसी भी प्रकार की समस्या क्यों न आए, भारत की घरेलू मांग से ही विकास को गति मिलने की उम्मीद है। भारत अनुसंधान एवं विकास तथा चिकित्सा पर्यटन में भी अपार अवसरों की पेशकश करता है।Ó उन्होंने यह भी कहा कि भारत में आयुर्वेद और योग जैसी पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियां हैं जो आस्ट्रेलिया को मोटापा एवं संबंधित रोगों में सहायता कर सकती हैं।
डॉ. हर्ष वर्धन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक सामाजिक आंदोलन के रूप में स्वास्थ्यÓ की व्याख्या की। उन्होंने बताया कि भारत का सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (आयुष्मान भारत के तहत) 100 मिलियन परिवारों को कवर करता है, केवल पिछले वर्ष ही 10 मिलियन व्यक्तियों को इससे लाभ प्राप्त हुआ है, भारत 2025 तक तपेदिक के उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है, भारत ने हाइपर टेंशन, वक्ष, फेफड़ों, गले तथा मुंह आदि के कैंसर जैसी गैर संक्रामक बीमारियों की व्यापक स्क्रीनिंग के लिए भी प्रयास किए हैं, भारत ने स्वास्थ्य क्षेत्र का आधुनिक बनाने तथा देश के सभी व्यक्तियों तक सेवाओं की प्रदायगी को युक्तिसंगत बनाने में सक्षम करने के लिए डिजिटल स्वास्थ्य ब्लू प्रिंट को कार्यान्वित करने के भी प्रयास किए हैं, उपचार के लिए किफायती औषधियां तथा भरोसेमंद इंप्लांट (अमृत) कार्यक्रम के तहत निर्धनों में सबसे निर्धन को किफायती दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं जो कैंसर तथा कार्डियो-वैस्कुलर बीमारियों का उपचार कर सकती हैं।Ó उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री के ‘संपूर्ण सरकार’ के दृष्टिकोण ने 400 मिलियन लोगों के वित्तीय समावेशन में सक्षम बनाया है और उन्हें स्वास्थ्य तक उनकी पहुंच को रूपांतरित किया है।
हंट ने उस भरोसे की चर्चा की जो पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति है। उन्होंने बताया कि आस्ट्रेलिया की यूनिवर्सल टेलीमेडिसिन ने अभी तक 19 मिलियन मामलों का निपटान किया है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक एवं निजी अस्पतालों के जरिये स्वास्थ्य अवसंरचना तथा मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों पर इसका फोकस ऐसे माडल हैं जिनका अनुकरण किया जाना चाहिए। दुनिया में किफायती जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति, जो विश्व की दवाओं की 66 प्रतिशत की आपूर्ति करता है, में भारत की अहम भूमिका की सराहना करते हुए उन्होंने बताया कि भारत किस प्रकार जिनोमिक्स एवं स्टेम सेल टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए दुर्लभ रोगों के लिए नई औषधियों का अनुसंधान करने में आस्ट्रेलिया की सहायता कर सकता है।
महामारी के नियंत्रण एवं प्रबंधन में भारत के चिकित्सा समुदाय की भूमिका की व्याख्या करते हुए डा. हर्ष वर्धन ने नोट किया कि भारत के चिकित्सा पेशेवरों, पैरामेडिक्स एवं वैज्ञानिकों ने कोविड-19 को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने बताया कि वे दवाओं की खोज एवं वर्तमान दवाओं की रिपर्पसिंग में सहायता कर रहे हैं। उन्होंने रोगों की शुरूआत में ही वायरस को भी पृथक कर दिया है और जिनोम सेक्वंसिंग का उपयोग करने के जरिये वायरस का अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ‘जनवरी 2020 में वायरस की जांच करने के लिए जहां केवल एक ही प्रयोगशाला थी, अब भारत में देश भर में 1200 से अधिक प्रयोगशालाएं हैं जो व्यापक टेस्टिंग के जरिये लोगों को सुविधाएं पहुंचा रही हैं। भारत के दवा विनिर्माताओं ने भी भारत को 140 देशों में हाइड्रोसाईक्लोरोक्विन की आपूर्ति करने में सक्षम बनाया है।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Share this page as it is...!!!!
Exit mobile version