हरक सिंह की वापसी को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में मतभेद

देहरादून। बीजेपी से निष्कासित हरक सिंह रावत दिल्ली जाकर कांग्रेस का दरवाजा खटखटा रहे हैं। हरक को दिल्ली गए आज तीसरा दिन है। हरक सिंह रावत की कांग्रेस में वापसी को लेकर कई मुश्किलें आन पड़ी हैं, अभी तक उनकी कांग्रेस में ज्वाइनिंग नहीं हो सकी है। ऐसी चर्चाएं जोरों पर हैं कि हरक की कांग्रेस में ज्वाइनिंग को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में मतभेद हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत उनकी घर वापसी के खिलाफ हैं। हरक की कांग्रेस में वापसी का असली रोड़ा हरीश रावत की ओर से अटकाया गया है, हालांकि उनका कहना है कि पार्टी ने अभी इस बारे में मुझसे पूछा नहीं है। उन्हें उम्मीद है कि पार्टी इस विषय पर सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेगी।
पर्यटक नेताओं से सावधान : इधर उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और डोईवाला सीट से टिकट के दावेदार हीरा सिंह बिष्ट ने भी हरक सिंह रावत की वापसी पर नाराजगी जताई है। हीरा सिंह बिष्ट का कहना है कि कांग्रेस को पर्यटक नेताओं से सावधान रहना चाहिए। हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि आवागमन करने वाले व कांग्रेस को पर्यटक स्थल समझने वाले राजनीतिज्ञों के बारे में पार्टी को गंभीरता से सोचना होगा। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश अस्थिरता बर्दाश्त नहीं करेगा। प्रदेश की जनता विकास चाहती है। ऐसे खिलवाड़ करने वाले लोगों से पार्टी को सावधान रहना होगा।
वहीं, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम और गणेश गोदियाल का रुख इस मामले में नरम है। अब गेंद कांग्रेस हाईकमान के पाले में है। हाईकमान को ही इस पर फैसला लेना है।
दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह हरक सिंह रावत की कांग्रेस में वापसी को लेकर खुश हैं। प्रीतम को हरक सिंह रावत से हमदर्दी भी है। हरीश रावत के विरोध को देखते हुए प्रीतम खुलकर हरक का समर्थन नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने भी कह दिया है कि हरक पर फैसला पार्टी हाईकमान करेगा। बताया जा रहा है कि गणेश गोदियाल भी हरक की वापसी को लेकर इच्छुक हैं। लेकिन हरीश रावत के तेवर देखकर वो भी खुलकर तो नहीं कह पा रहे, लेकिन उनके बयानों से भी झलक रहा है कि वो हरक का स्वागत करने को तैयार हैं। दरअसल हरक सिंह रावत की कांग्रेस में वापसी का असली रोड़ा हरीश रावत की ओर से अटकाया गया है। हालांकि उनका कहना है कि पार्टी ने अभी इस बारे में मुझसे पूछा नहीं है। उन्हें उम्मीद है कि पार्टी इस विषय पर सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेगी। राज्य की राजनीति, समाज में क्या प्रतिक्रिया होगी, उसके परिणाम क्या होंगे, सभी पर विचार करने के बाद ही निर्णय होगा। उधर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि विपत्ति के समय हरक ने भाजपा का साथ दिया था, अब उन्हें जिस प्रकार निष्कासित किया है, नि:संदेह हरक सिंह आहत हुए हैं। हरक की वापसी पर निर्णय पार्टी के शीर्ष नेता लेंगे। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि हरक सिंह हमारे पुराने साथी-सहयोगी रहे हैं। यदि वो वापस आना चाहते हैं तो पार्टी हाईकमान इस पर निर्णय लेगा। मैंने सुना है कि हरक सिंह ने कांग्रेस के लिए काम करने का निर्णय किया है। यदि वो आते हैं तो पार्टी को ताकत मिलेगी।

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