हर 15 मिनट में एक महिला के साथ दुष्कर्म

सुरक्षा पर खर्च हो रहे मात्र 102 रुपये

नई दिल्ली (आरएनएस)। साल 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया दुष्कर्म ने भले ही देश को हिला दिया हो लेकिन आज भी देश में महिला सुरक्षा को लेकर उठाए जा रहे कदम चिंताजनक हैं। महिला सुरक्षा पर किए जा रहे खर्च की हालत अभी भी सुधरी नहीं है। वैश्विक विश्लेषण संस्था ऑक्सफेम ने किया है।
संस्था की ओर से जारी ताजा रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली में चलती बस में हुई उस खौफनाक घटना के बाद हेल्पलाइन, क्राइसिस सेंटर से लेकर निर्भया फंड तक बना लेकिन इन सबके भाद भी देश में हर 15 मिनट में एक बेटी के साथ दुष्कर्म की घटना हो रही है। ऑक्सफेम में जेंडर जस्टिस की विशेषज्ञ प्रमुख अमिता पित्रे ने कहा कि बीते तीन सालों में महिला सुरक्षा पर औसतन 30 रुपये ही खर्च किए जा रहे हैं। करीब आठ करोड़ महिलाएं या बेटियां यौन हिंसा का सामना कर रही हैं। उन्होंने आगे बताया कि उनकी सुरक्षा के लिए प्रति महिला महज 102 रुपये ही मिल रहे हैं। ये राशि काफी कम है। इधर कोरोना वायरस की वजह से महिलाओं के साथ हिंसा और बेरोजगारी के मामले बढ़ गए हैं। इसके बाद भी महिलाओं को लेकर केंद्र सरकार ने 2021-22 के बजट में मामूली बढ़त ही की है। सरकार ने भले सालों पहले निर्भया फंड जरूर बनाया था लेकिन ये फंड देश की 130 करोड़ में से आधी आबादी के लिए कम है। महिलाओं के लिए आवंटित की गई राशि से राज्यों ने फॉरेंसिक लैब को बेहतर बनाने और आपात प्रतिक्रिया सेवा में सुधार में लगाया लेकिन इससे महिलाओं को कुछ खास फायदा नहीं हुआ। सरकारी अपराध डाटा के अनुसार, देश में साल 2018 में दुष्कर्म के 34,000 मामले दर्ज हुए। इसके पहले भी इतने मामले सामने आए थे। डाटा के मुताबिक, इन मामलों में 85 फीसदी पर आरोप तय हुए लेकिन महज 27 फीसदी में सजा हुई। देश में मौजूदा समय में महिलाओं की त्वरित मदद के लिए 600 वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर काम कर रहे हैं।

error: Share this page as it is...!!!!
Exit mobile version