हनुमान मंदिर तोड़ने पर कर्णप्रयाग में भड़के साधु संत

चमोली(आरएनएस)। कर्णप्रयाग में पंचपुलिया के समीप प्रशासन द्वारा निर्माणाधीन धामिर्क स्थल तोड़ने पर साधु संतों ने रविवार को तहसील प्रशासन और एनएच के खिलाफ नारेबाजी की। संतों ने कहा कि अगर उसी स्थान पर प्रशासन ने मंदिर नहीं बनाया तो वे जल समाधि ले लेंगे। इस दौरान उन्होंने प्रशासन का पुतला दहन भी किया। कर्णप्रयाग में ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर जलेश्वर महादेव मंदिर के सामने एनएच ने छोटी पुलिया के स्थान पर बड़े पुल का निर्माण किया था। उसके बाद साधु संतों ने हाईवे से काफी दूरी पर पर एक धार्मिक स्थल का निर्माण करा रहे है। निर्माण को लेकर क्षेत्र के लोग भी उत्साहित थे। लेकिन पिछले दिनों तहसील प्रशासन और एनएच कार्यदाई संस्था के अधिकारियों ने निर्माणाधीन धार्मिक स्थल को तुड़वा दिया। इस पर रविवार को क्षेत्र के साधु संत मौके पर पहुंचे और क्षतिग्रस्त स्थल को देखकर भड़क गए। गस्साए महात्माओं ने हाईवे किनारे खड़े होकर तहसील प्रशासन और एनएच के खिलाफ नारेबाजी की और पुतला दहन कर कहा। उन्होंने कहा कि प्रशासन कर्णप्रयाग में हो रहे अतिक्रमण पर कार्रवाई करने में तो डर रहा है, लेकिन हाईवे से काफी दूर निर्माणाधीन धार्मिक स्थल को तोड़ रहा है। इसका साधु संत विरोध करेंगे। विरोध करने वालों में उमा माहेश्वर आश्रम के महंत ऐश्वर्यनाथ महाराज, भृगुनाथ महाराज, शिव महाराज, विभुनाथ महाराज, लख्मणगिरी, रामनाथ महाराज आदि शामिल रहे।