
नई टिहरी(आरएनएस)। गोवा नाइट क्लब त्रासदी के शिकार संकुल्ड गांव के युवा जितेंद्र सिंह रावत को क्षेत्र वासियों ने नम आंखों से अलकनंदा तट पर अंतिम विदाई दी। सोमवार तड़के युवा जितेंद्र का पार्थिव शरीर जब उनके गांव संकुल्ड पहुंचा तो गांववासियों की आंखे भर आई। मां रामप्यारी का सब्र टूट गया व वह रो रोकर बेटे जितेंद्र का नाम पुकारती रही। रामप्यारी ने पति संता सिंह के कोरोना काल में लापता होने के बाद बेटों को काफी कष्ट से पाला था। गांव से जितेंद्र की अंतिम यात्रा शुरू होने पर क्षेत्रीय विधायक विनोद कंडारी ने भी पार्थिव शरीर को कंधा दिया। उन्होंने घटना को अत्यंत दुखद बताते कहा कि, जितेंद्र के परिजनों की सरकार हर संभव मदद करेगी। विदेश में काम कर रहे जितेंद्र के बड़े भाई आशीष को छुट्टी नहीं मिल पाने से वह छोटे भाई को अंतिम विदाई देने नहीं पहुंच पाया। अलकनंदा तट स्थित बगवान घाट पर संकुल्ड, देवल कंडी, सिसाई आदि गांवो से बड़ी संख्या में ग्रामीण जितेंद्र को अंतिम विदाई देने पहुंचे। यहां अंतिम यात्रा में पहुंचे ब्लॉक प्रमुख विनोद बिष्ट, ज्येष्ठ प्रमुख विजय पंवार, सेनि. सूबेदार हुकुम सिंह, ग्राम प्रधान जोगियाना रघुवीर रावत, विजय सिंह आदि ने गोवा नाइट क्लब अग्नि कांड के दोषी उसके मालिक सौरभ व गौरव लूथरा के थाईलैंड भाग जाने पर गहरा रोष जताया। उन्होंने कहा कि, निर्दोष लोगों की मौत के कारण बने दोनों भाइयों को जब तक अपने कर्म की सजा नहीं मिलती, तब तक जितेंद्र जैसे युवाओं को सही इंसाफ नहीं मिल पाएगा। सरकार को दोनों दोषियों को जल्दी भारत लाया जाना चाहिए।

