गोमुख क्षेत्र में गंगोत्री ग्लेशियर की निगरानी के लिए वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान को बजट जारी

6 जिलों को आपदा प्रबंधन के तहत मिला बजट

देहरादून। राज्य में ग्लेशियरों से होने वाली संभावित आपदा के दृष्टिगत मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गोमुख क्षेत्र के अंतर्गत गंगोत्री हिमनद (ग्लेशियर) की निगरानी के लिए वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान को बजट आवंटित करने पर सहमति दी है। निदेशक वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान से शीतकालीन मौसम के दौरान गंगोत्री ग्लेशियर क्षेत्र में किसी भूस्खलन या कृत्रिम झील आदि के निर्माण के निरीक्षण के लिए एक टीम भेजने का अनुरोध राज्य सरकार की ओर से किया गया था। इसके लिए वाडिया संस्थान ने राज्य सरकार से 12 लाख रूपए की मांग की थी। साथ ही यह भी जानकारी दी थी कि माननीय उच्च न्यायालय के हालिया आदेश के अनुसार शीतकालीन मौसम के दौरान इस क्षेत्र का निरीक्षण करना भी महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस मामले में बिना देरी किए तत्काल 12 लाख की मंजूरी के आदेश कर दिए हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तरकाशी के विकासखंड मोरी के अंतर्गत बडग़ाड़-घन्डूगाडखड्ड पर लॉग ब्रिज का पुनर्निर्माण करने के लिए आपदा प्रबंधन व पुनर्वास विभाग के प्रस्ताव पर 4 लाख रुपए की राशि के आवंटन को स्वीकृति दी गई थी। हालांकि यह राशि पिछले वित्तीय वर्ष में जारी की गई थी। पर कोरोना काल और मौसम की विविधता के कारण विभाग यह राशि 19-20 में खर्च नहीं कर सका। इस पर विभाग ने वर्ष 20-21 में इस जारी को दोबारा से जारी करने का प्रस्ताव रखा। जिस पर मुख्यमंत्री ने क्षेत्रीय जनता की परेशानी को देखते हुए तत्काल इसका अनुमोदन दे दिया है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, चंपावत, उत्तरकाशी, चमोली, व देहरादून के लिए वित्तीय वर्ष 20-21 में जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण व जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र के संचालन के लिए बजट आवंटन पर मोहर लगा दी है। इसके तहत आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अंतर्गत पारिश्रमिक मद में 7.83 लाख और परिचालन केंद्र के तहत 11 लाख की धनराशि अवमुक्त करने को मंजूरी दी गई है। चमोली के तहसील चमोली के ग्राम रोपा के अति संवेदनशील 3 प्रभावित परिवारों को अन्यत्र विस्थापित करने के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने सहमति दी है। पुनर्वास नीति के तहत नई सुरक्षित स्थान पर तीनों परिवारों को पुनर्वासित किए जाने के प्रस्ताव पर आपदा प्रबंधन विभाग की बैठक में पहले ही सहमति दी जा चुकी है। इस प्रस्ताव का परीक्षण कर इसे उचित पाया गया। राज्य पुनर्वास समिति की बैठक में इसका अनुमोदन भी किया गया।

 

Powered by myUpchar

error: Share this page as it is...!!!!