गोल्ड में तब्दील हो सकता है मीराबाई चानू का सिल्वर मेडल, चीन की वेटलिफ्टर का होगा डोप टेस्ट

टोक्यो, 26 जुलाई। पूरे देश को गौरवान्वित करने वाली वेटलिफ्टर मीरा बाई चानू को उसी मुकाबले में स्वर्ण पदक मिल सकता है जिसमें उन्होंने रजत पदक जीता था। दरअसल उस मुकाबले की स्वर्ण पदक विजेता चीन की वेटलिफ्टर हाऊ झिहू को डोप टेस्ट के लिए रोका गया है। एंटी डोपिंग अथारिटी की तरफ से किए जाने वाले इस टेस्ट में अगर चीन की वेटलिफ्टर हाऊ झिहू फेल होती हैं तो फिर मीराबाई चानू का रजत स्वर्ण में बदल जाएगा। टेस्ट होने व रिजल्ट आने तक वेटलिफ्टरों को टोक्यो में ही रुकने के लिए कहा गया है। उल्लेखनीय है कि चीन की होऊ झिऊई ने कुल 210 किलो (स्नैच में 94 किलो, क्लीनऔर जर्क में 116 किलो) वजन उठा कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया था जबकि इंडोनेशिया की ऐसाह विंडी कांटिका ने कुल 194 किलो वजन उठाकर कांस्य पदक हासिल किया जबकि चानू ने क्लीन एंड जर्क में 115 किलो और स्नैच में 87 किलो से कुल 202 किलो वजन उठाकर पदक अपने नाम किया। चानू को यह सफलता कर्णम मल्लेश्वरी के 2000 के सिडनी ओलंपिक्स में 69 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीतने के 20 साल बाद आयी है मल्लेश्वरी ओलम्पिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं। इस कामयाबी के साथ चानू ने 2016 के पिछले रियो ओलंपिक्स की बुरी यादों को पीछे छोड़ दिया जब वह क्लीन एन्ड जर्क में अपने तीनों प्रयासों में नाकाम रही थीं। इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक चीन की होऊ झिहुई ने कुल 210 किग्रा (94+116) वजन उठाकर जीता जबकि इंडोनेशिया की ऐसाह विंडी कांतिका ने 194 किग्रा (84+110) वजन उठाकर जीता।