गोधरा ट्रेन कांड के दोषी का कारनामा, पैरोल के दौरान फरार होकर बनाया चोरी गिरोह

अहमदाबाद (आरएनएस)। गुजरात के गोधरा ट्रेन कांड मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे 55 वर्षीय सलीम उर्फ यूसुफ जरदा का एक नया कारनामा सामने आया है।
जरदा को महाराष्ट्र के पुणे में चोरी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है। खास बात है कि जरदा पैरोल पर बाहर आया था और तभी से फरार था।
पुलिस ने सोमवार को बताया कि उन्होंने 22 जनवरी को जरदा और उसके गिरोह के 4 सदस्यों को नासिक से पकड़ा था।
पुलिस ने बताया कि 7 जनवरी को पुणे के जुनार में एक ट्रक से 2.50 लाख रुपये के टायर-ट्यूब चोरी हुए, जिसकी शिकायत आलेफाटा थाने में हुई।
जांच में पता चला कि पुणे के मानचर और नासिक के सिन्नर थाने में भी ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसे गुजरात के गोधरा से जुड़ा एक गिरोह अंजाम दे रहा है।
तकनीकी जांच के बाद पुलिस ने जऱदा, साहिल पठान, सुफिय़ान चनाकी, अयूब सुनठिया और इरफान दुरुवेश को नासिक में गिरफ्तार किया।
पुलिस ने बताया कि जरदा 17 सितंबर, 2024 को 7 दिन के लिए पैरोल पर जेल से बाहर आया था और तभी से फरार था। वह गोधरा के गिरोह के साथ पुणे में आकर चोरियों को अंजाम दे रहा था।
पुलिस ने बताया कि जरदा उन 31 लोगों में शामिल है, जिसे कोर्ट ने गोधरा कांड का दोषी बताया था। जरदा को पहले निचली कोर्ट ने फांसी सुनाई थी, जिसे गुजरात हाई कोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया।
गुजरात के पंचमहला जिले में स्थित गोधरा में 27 फरवरी, 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लगी थी, जिसमें 59 लोग मारे गए थे। ट्रेन में कार सेवक सवार थे। जरदा इसमें दोषी था। वह 8 बार पैरोल से फरार हुआ है।


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