गर्मी के साथ ही फिर धधक उठे पहाड़ के जंगल

अल्मोड़ा, भिकियासैण: गर्मी आते ही जंगल धधक उठे हैं। उत्तराखंड में पिछले 24 घंटों के दौरान 39 जगह आग लगने से 62 हेक्टेयर इलाका राख हुआ है, तो अब तक राज्य में कुल 1263 हेक्टेयर जंगल साफ हो चुके हैं। रविवार को चौनलिया क्षेत्र में हऊली व पीपलमंडी के बीच घाटी क्षेत्र में भडंकी चिंगारी ने पूरे चीड़ बहूल जंगल को आगोश में ले लिया। देखते ही देखते बेकाबू लपटें भिकियासैंण-भतरौजखान राजमार्ग तक पहुंच गई। हवा की रफ्तार तेज होने से आसमान छूती लपटों ने स्टेट हाईवे को पार कर ऊपरी भूभाग के मिश्रित वन क्षेत्र को भी चपेट में ले लिया। शाम तक आग लगभग बीस हेक्टेयर से अधिक जंगल को चपेट में ले चुकी थी। उधर भिकियासैंण-विनायक मोटरमार्ग पर सिनार के पास कमराड़-बहेड़ा का जंगल भी धधक उठा। ग्रामीणों ने दिनभर मशक्कत के बाद लपटों पर काबू तो पा लिया पर हवा तेज होने से मुश्किल पैदा हो रही थी।

तपिश बढ़ने के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में वनाग्नि झुलसाने लगी है। हालात दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं। आलम यह है कि बीते अक्टूबर से अप्रैल पहले सप्ताह तक करीब 250 हेक्टेयर जंगल को नुकसान पहुंचा है। इधर आग से अब तक अछूता चौनलिया व पीपलमंडी के बीच हऊली वन क्षेत्र भीषण आग की चपेट में आ गया। आसमान छूती लपटें भतरौजखान स्टेट हाईवे तक पहुंच गई। पूरा इलाका धुंए के आगोश में आ गया है।

जंगल की आग को लेकर वन विभाग सचेत है। मौसम बदलाव के कारण और बारिश न होने से अधिकांश मामले सामने आ रहे हैं। लोगों से भी अपील की जा रही है कि ऐसे काम न करें जिससे जंगल में आग लगे।

(रिपोर्ट: मनीष नेगी द्वाराहाट)

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