गढ़वाल और कुमाऊं में निजी कंपनियों ने किया बसों का संचालन ठप

पौड़ी गढ़वाल। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों की लाइफ लाइन माने जाने वाली निजी कंपनी गढ़वाल मोटर्स आनर्स यूनियन (जीएमओयू) और कुमाऊं मोटर्स आनर्स यूनियन (केएमओयू) ने रविवार से बसों का संचालन बंद कर दिया है। दोनों कंपनी किराया न बढ़ाने के सरकार के फैसले से नाराज है। वर्तमान में जीएमओयू विभिन्न पर्वतीय मार्गो पर 450 और केएमओयू 350 बसों का संचालन करता है। बसें न चलने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। दरअसल, कोरोना संक्रमण को देखते हुए सार्वजनिक वाहनों को 50 फीसद क्षमता के साथ ही संचालन की अनुमति है। इस पर वाहन स्वामी किराये को दोगुना करने की मांग कर रहे थे। पिछले दिनों सरकार ने साफ कर दिया कि यात्रियों की जब पर बोझ नहीं बढ़ाया जाएगा। इसके बाद शनिवार को जीएमओयू ने सरकार के इस निर्णय के खिलाफ वाहनों के संचालन ठप करने की चेतावनी दे दी। रविवार को कंपनी ने कोटद्वार के साथ ही पौड़ी, हरिद्वार, ऋषिकेश, श्रीनगर, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, जोशीमठ व रामनगर डिपो से किसी भी बस को रवाना नहीं किया। जीएमओयू के अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल ने बताया कि कंपनी कोरोना संक्रमण के दौर में अपने चालक-परिचालकों की जान खतरे में डाल वाहनों का संचालन कर रही थी। सरकार के इस निर्णय से चालक-परिचालकों का वेतन देना भी भारी पड़ जाएगा। कहा कि जब तक सरकार किराया दोगुना नहीं करती तब तक कंपनी संचालन नहीं करेगी।
केएमओयू के अध्यक्ष सुरेश डसीला ने बताया कि सरकार से कई बार अनुरोध किया जा चुका है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में मजबूरी में बसों का संचालन ठप करने का निर्णय लिया गया।
परिवहन निगम ने किया बसों का संचालन
किराया बढ़ाने की मांग को लेकर भले ही जीएमओयू के पहिए थम गए हों, लेकिन उत्तराखंड परिवहन निगम की बसें चलती रहीं। हालांकि इससे यात्रियों को ज्यादा राहत नहीं मिल पाई। समस्या इसलिए गहरा रही है कि परिवहन निगम की बसों का संचालन सिर्फ राष्ट्रीय अथवा राज्य राजमार्गों पर ही होता है। गढ़वाल मंडल में राष्ट्रीय राजमार्ग अथवा राज्य राजमार्गों की अपेक्षा काफी कम है। कोटद्वार डिपो के सहायक महाप्रबंधक टीकाराम आदित्य ने बताया कि रविवार को कोविड कर्फ्यू के कारण यात्रियों की संख्या कम रही है।