अगर आप भी हैं गर्दन में दर्द से परेशान तो अपनाएं ये आसान और कारगर घेरलू उपाय

आज के समय में गर्दन में दर्द होना एक आम समस्या हो गई है। गर्दन में दर्द को सर्वाइकलगिया कहा जाता है, जिसमें लोगों में गर्दन में अकडऩ महसूस होती है। आम तौर से किसी खराब मुद्रा के कारण गर्दन की मांसपेशियों में तनाव पैदा हो सकता है। कई बार हमारी दिनचर्या भी गर्दन में दर्द का कारण बन जाती है तथा कोई पुरानी चोट भी इसकी वजह हो सकती है। गलत तरीके से उठना-बैठना, लेटना या फिर मोटे तकिए का इस्तेमाल करना भी आपके गर्दन को पीड़ा देने का काम करती है।

गर्दन में दर्द हो तो क्या करें

सेब का सिरका गर्दन के दर्द और जकडऩ के लिए एक उत्कृष्ट घरेलू उपचार है। सेब का सिरके में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गर्दन की मांसपेशियों में तनाव से राहत देगा। इसके लिए आप सिरके में नेपकिन भिगोकर अपनी गर्दन पर रखें और इसे एक-एक घंटे के लिए छोड़ दें। गर्दन दर्द से राहत पाने के लिए आप इसे दिन में दो बार दोहराएं।
सेंधा नमक में सल्फेट और मैग्नीशियम होता है, जो शरीर में कई एंजाइमों को विनियमित करने में मदद करता है। यह रक्त परिसंचरण या ब्लड सर्कुलेशन को भी बढ़ाता है और तनाव तथा मांसपेशियों के तनाव को कम करता है। इसके लिए आप बाथटब के तीन-चौथाई भाग को गर्म पानी से भरें और उसमें सेंधा नमक मिलाएं और 10 से 15 मिनट के लिए इसे करें।

कारण

गर्दन में दर्द का प्रमुख कारण गर्दन को गलत मुद्रा में रखना है। ऐसा मुख्य रूप से मोबाइल फोन, लैपटॉप, लेटने, खाने इत्यादि की स्थितियों में होता है।
यदि कोई व्यक्ति गलत तरीके में सोता है, तो उसे गर्दन में दर्द की समस्या होने की संभावना काफी ज्यादा रहती है।
अक्सर, चोट लगना भी गर्दन दर्द की वजह बन सकता है।
यदि किसी शख्स के शरीर की हड्डियाँ काफी कमज़ोर हैं, तो उसे गर्दन में दर्द जैसी समस्या हो सकती है।

गर्दन में दर्द का इलाज

  • खुद की देखभाल करना
  • यदि आपकी गर्दन में दर्द या अकडऩ है, तो उनको राहत देने के लिए आप कुछ सरल तरीके अपना सकते हैं।
  • दर्द के पहले एक दो दिन गर्दन पर जहां दर्द हो रहा है, वहां पर बर्फ लगाएं और उसके बाद कुछ दिन गर्दन की सिकाई करें।
  • रोजाना गर्दन के व्यायाम करें, अपनी गर्दन को उपर से नीचे और दोनों साइड की तरफ धीरे-धीरे स्ट्रेच करें।

थेरेपी

गर्दन के व्यायाम और स्ट्रेचिंग करना: गर्दन को लाभ देने वाले व्यायाम और स्ट्रेचिंग के बारे में अच्छे से जानने के लिए आपके डॉक्टर आपको किसी फिजिकल थेरेपिस्ट की मदद लेने का सुझाव दे सकते हैं।
कुछ समय के लिए गर्दन को स्थिर करना: इसमें एक नरम कॉलर को गर्दन पर लगाया जाता है, जो गर्दन के ढांचे को सहारा प्रदान करता है और उस पर वजन पडऩे से बचाता है, जिससे दर्द से राहत मिलती है।

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