गंगा में जल्द शुरू हो सकता है खनन, प्रस्ताव तैयार
वन निगम व सिया के अधिकारी गंगा के खनन क्षेत्रों का निरीक्षण कर कार्रवाई को बढ़ाएंगे आगे
देहरादून। गंगा में बंद पड़ा खनन जल्द शुरू हो सकता है। इसके लिए अब केंद्र से पर्यावरणीय सहमति की जरूरत नहीं पड़ेगी। केंद्रीय वन मंत्रालय ने इन्वायरमेंटल क्लियरेंस (पर्यावरणीय सहमति) का अधिकार स्टेट इन्वायरमेंट इंपेक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी यानी सिया को दे दिया है। इसके बाद वन निगम ने खनन की अनुमति का प्रस्ताव भी सिया में भेज दिया है। अगले सप्ताह वन निगम व सिया के अधिकारी गंगा के खनन क्षेत्रों का निरीक्षण कर कार्रवाई को आगे बढ़ाएंगे। अब तक किसी भी नदी में या सौ हेक्टेयर से ज्यादा के क्षेत्र में खनन या अन्य पर्यावरणीय गतिविधियों के लिए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से क्लियरेंस लेनी पड़ती थी। जिस कारण काफी समय लग जाता था। पिछले दिनों भी गौला, कोसी, दाबका और शारदा आदि में खनन की पर्यावरणीय सहमति खत्म होने के कारण इसे दोबारा लेने में राज्य को काफी मशक्कत करनी पड़ी। अधिकारियों के साथ ही सीएम पुष्कर सिंह धामी और वन निगम अध्यक्ष कैलाश गहतोड़ी को भी दिल्ली के काफी चक्कत काटने पड़े। इसके बाद भी केवल अभी पांच साल के लिए ही खनन की सहमति मिल पायी, लेकिन अब खनन की सहमति के लिए राज्य को दिल्ली के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इसके लिए केंद्र ने सिया को ही सौ हेक्टेयर से ऊपर की भी पर्यावरणीय क्लियरेंस का अधिकार दे दिया। अब वन निगम ने 2022 से बंद पड़े गंगा के खनन को चालू करने के लिए सिया में प्रस्ताव भेज दिया है। इस पर सिया को हाईकोर्ट के निर्देश पर बनाई गई स्वतंत्र कमेटी की सिफारिश के बाद फैसला लेना है।
पहले केंद्र से खनन के लिए पर्यावरणीय सहमति लेनी पड़ती थी। इसमें काफी समय लगता था, लेकिन राज्य की सुविधा को देखते हुए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इसका अधिकार अब सिया को दे दिया। अब सिया के स्तर से सारी क्लियरेंस मिल जाएगी। हमने गंगा में खनन खोलने का प्रस्ताव सिया को भेजा है। अगले सप्ताह इस मामले में नदी के खनन इलाके का निरीक्षण भी किया जाएगा।
-केएम राव, एमडी वन विकास निगम