चीनी उत्पादन में कमी लाएं और एथेनॉल में रूपांतरण बढ़ाएं: गडकरी

मुंबई (आरएनएस)। केंद्रीय सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने चीनी मिलों को बदलते समय की वास्तविकताओं और राष्ट्र की आवश्यकताओं के अनुरूप चीनी को इथेनॉल में बदलने की अपील की है। गडकरी ने चीनी और संबद्ध उद्योगों के नेताओं को चेतावनी जारी की कि यदि चीनी का उत्पादन अभी की ही तरह आगे बढ़ता रहा, तो यह आने वाले समय में उद्योग के लिए हानिकारक होगा। यह स्मरण कराते हुए कि एक देश के रूप में, हम चावल-अधिशेष, मक्का-अधिशेष और चीनी-अधिशेष हैं, गडकरी ने कहा कि हमारे भविष्य के लिए चीनी का उत्पादन कम करना और इथेनॉल का उत्पादन बढ़ाना बेहतर है।

गडकरी आज 20 मार्च 2022 को मुंबई में चीनी और इथेनॉल भारत सम्मेलन (एसईआईसी) 2022 को संबोधित कर रहे थे। चीनी और संबद्ध उद्योगों के लिए समाचार और सूचना पोर्टल चीनीमंडी द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में घरेलू और वैश्विक चीनी व्यापार में शीर्ष चुनौतियों और जोखिम प्रतिक्रिया रणनीतियों तथा भारत में एक अधिक नवोन्मेषी और स्थिर चीनी और इथेनॉल क्षेत्र का निर्माण करने की भविष्य की योजना पर चर्चा करने के लिएघरेलू और वैश्विक उद्योग के विख्यात विशेषज्ञों को एक साथ लाने की इच्छा जताई गई थी।

इथेनॉल के उत्कृष्ट अर्थशास्त्र
गडकरी ने बताया कि किस प्रकार एथेनॉल का अर्थशास्त्र डीजल या पेट्रोल द्वारा संचालित वाहनों से उत्कृष्ट है। उन्होंने कहा, हमने फ्लेक्स इंजन पर परामर्शी जारी की है; टोयोटा, हुंडई और सुजुकी ने मुझे आश्वासन दिया है कि वे छह महीने के भीतर फ्लेक्स इंजन लाएंगे। हाल ही में, हमने ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाली पायलट कार लॉन्च की है। टोयोटा अध्यक्ष ने मुझे बताया कि उनकी कार फ्लेक्स है- या तो 100 प्रतिशत पेट्रोल या 100 प्रतिशत इथेनॉल और आने वाले दिनों में टोयोटा कारों को हाइब्रिड बिजली पर चलाया जाएगा, जो 40 प्रतिशत बिजली उत्पादित करेगी तथा100 प्रतिशत इथेनॉल का उपयोग करके60 प्रतिशत दूरी तय करेगी। पेट्रोल की तुलना में यह आर्थिक तरीका अत्यधिक लाभप्रद होगा।

गडकरी ने बताया कि भारत सरकार ने नागरिकों के लिए इथेनॉल भरने के लिए जैव ईंधन आउटलेट खोलने का निर्णय लिया है और कार, स्कूटर, मोटर साइकिल और रिक्शा फ्लेक्स इंजन पर उपलब्ध हो सकते हैं। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने पुणे में तीन इथेनॉल पंपों का उद्घाटन किया है; हालांकि अभी तक कोई एथनॉल भरने नहीं आया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बजाज, टीवीएस और हीरो ने फ्लेक्स इंजन से चलने वाली मोटर साइकिलें लॉन्च की हैं; फ्लेक्स इंजन पर स्कूटर और मोटर साइकिल उपलब्ध हैं। वे एथेनॉल से चलने वाला ऑटो रिक्शा भी लॉन्च करने के लिए तैयार हैं।

गडकरी ने इथेनॉल का उत्पादन करने वाली सभी चीनी मिलों को अपने कारखानों और अन्य क्षेत्रों में इथेनॉल पंप खोलने को प्रेरित किया। उन्होंने कहा, इससे100 प्रतिशत स्कूटर, ऑटो रिक्शा और कार एथेनॉल से चल सकते हैं और इस प्रकार इथेनॉल उपभोग में वृद्धि होगी, प्रदूषण में कमी आएगी, आयात कम होगा और गांवों में लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो सकेगा।

इथेनॉल के लिए निश्चित रूप से एक बहुत बड़ा बाजार उपलब्ध होगा
गडकरी ने आश्वासन दिया कि किसी को भी इसकी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है कि क्या इथेनॉल के लिए पर्याप्त बड़ा बाजार उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, इथेनॉल एक हरा और स्वच्छ ईंधन है; हम वर्तमान में465 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन कर रहे हैं। यद्यपि, जब ई-20 कार्यक्रम पूरा हो जाएगा, तो हमारी आवश्यकता लगभग 1,500 करोड़ लीटर की हो जाएगी। इसके अतिरिक्त, आने वाले पांच वर्षों में, जब फ्लेक्स इंजन तैयार हो जाएंगे, तो इथेनॉल की आवश्यकता 4,000 करोड़ लीटर हो जाएगी। इसलिए, यदि आप इथेनॉल में रुपांतरित नहीं होते हैं और चीनी का उत्पादन जारी रखते हैं, तो मिल घाटे में चली जाएगी। उन्होंने कहा कि एक व्यवहार्य विकल्प गन्ने के रस से सिरप का उत्पादन करना और उससे इथेनॉल का उत्पादन करना भी है।

गडकरी ने कहा कि हर फैक्ट्री को बी शीरा का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा, भारत ने वादा किया है कि हम दिसंबर 2023 के बाद चीनी निर्यात सब्सिडी बंद कर देंगे। इसलिए, हर मिल को बी शीरा का उपयोग करना चाहिए। चीनी उत्पादन को निरुत्साहित करने से ही हमें चीनी का न्यायसंगत मूल्य मिल सकेगा। सरकार ने बी शीरा के लिए 245 करोड़ लीटर आरक्षित किया था; हालाँकि, केवल 55 करोड़ लीटर या 22 प्रतिशत की आपूर्ति की गई है, जो एक महत्वपूर्ण अंतर दर्शाता है। इसलिए यह एक सुरक्षित तरीका है जिससे चीनी मिलों को भी बचाया जा सकता है और एथेनॉल के कारण हमारी अर्थव्यवस्था भी अनुकूल होगी। उन्होंने कहा कि सी-हैवी शीरे को निरूत्साहित किया जाना चाहिए और उद्योग को टूटे चावल से भी इथेनॉल बनाने के बारे में विचार करना चाहिए।

गडकरी ने बताया कि सडक़ निर्माण उपकरण में फ्लेक्स इंजन का उपयोग भी एथेनॉल को बढ़ावा देने का एक और तरीका है। उन्होंने कहा, सडक़ निर्माण उपकरण मशीनरी के निर्माण में 80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है; मैंने उन्हें डीजल इंजन का इस्तेमाल बंद करने और फ्लेक्स इंजन में रूपांतरित होने को कहा है, जिससे कि एथेनॉल के उपयोग को बढ़ावा दिया जा सके। गडकरी ने कहा कि ब्राजील द्वारा एथेनॉल से बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक भी बनाया गया है, जिसे भारत में भी दोहराया जा सकता है।

विमानन क्षेत्र में एथेनॉल का अधिक उपयोग होगा
गडकरी ने कहा कि सरकार विमानन क्षेत्र और भारतीय वायु सेना में इथेनॉल के उपयोग को बढ़ाने के तरीकों पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा,मैं इस संभावना पर भी विचार कर रहा हूं कि विमानन उद्योग में इथेनॉल का उपयोग किस प्रकार किया जाए। दो वर्ष पूर्व, गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने वाले फाइटर जेट्स ने 100 प्रतिशत बायो-एथेनॉल का उपयोग किया था। मैं वायु सेना प्रमुख और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ चर्चा कर रहा हूं; हम सोच रहे हैं कि विमानन और भारतीय वायु सेना में इथेनॉल का उपयोग कैसे बढ़ाया जाए। गडकरी ने कहा कि हम चार लाख दूरसंचार मोबाइल टावरों में एथेनॉल के उपयोग पर भी विचार कर सकते हैं।

इथेनॉल: एक आयात-प्रतिस्थापन, लागत प्रभावी, प्रदूषण मुक्त और स्वदेशी समाधान
गडकरी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत में चीनी उद्योग के लिए चीनी के उपभोग को कम करने और चीनी को इथेनॉल में बदलने के अतिरिक्त कोई उपाय नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें इस दिशा में तेज गति से आगे बढऩा है।

उन्होंने कहा कि हमें हरित क्रांति की ओर बढऩे की आवश्यकता है, जिसके लिए हमें एथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है। गडकरी ने कहा, हमारे देश में कुल पेट्रोलियम आयात वर्तमान में 8 लाख करोड़ रुपये का है जिसके अगले 5 वर्षों में 25 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। अब 25 लाख करोड़रुपये के पेट्रोलियम उत्पादों का आयात करने से आर्थिक कठिनाई उत्पन्न होगी। इसके अतिरिक्त, इतनी अधिक मात्रा में जीवाश्म ईंधन के आने  के कारण नई समस्याएं पैदा होंगी। इसलिए गडकरी ने आयात-प्रतिस्थापन, लागत प्रभावी, प्रदूषण मुक्त और स्वदेशी समाधानों को अपनाने की आवश्यकता को संदर्भित करते हुए इथेनॉल और हरित ईंधन के उपयोग पर बल दिया।


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