गबन आरोपित जेई के समर्थन में किया अधिशासी अभियंता का घेराव

हल्द्वानी। ऊर्जा निगम के जेई पर 42 लाख रुपये के गबन का आरोप लगने के बाद ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों का विरोध बढ़ता जा रहा है। सोमवार को परिजनों के साथ लोगों ने हीरानगर स्थित विद्युत वितरण खंड ग्रामीण कार्यालय पहुंचकर अधिशासी अभियंता का घेराव किया। उनकी अफसर से तीखी नोकझोंक भी हो गयी। मुकदमा वापस करने की मांग को लेकर कार्यालय परिसर में अनीश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। शाम को जेई के परिवार की महिलाएं भी धरना स्थल पर आकर बैठ गईं। ऊर्जा निगम के जेई भुवन भट्ट पर कुछ समय पूर्व 42 लाख रुपये के गबन का आरोप लगाकर लालकुआं थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। तब से ही जेई को निर्दोष बता उनके समर्थन में जनप्रतिनिधि और ग्रामीण ऊर्जा निगम के आला अफसरों से मिल चुके हैं। अब तक इस मामले में ऊर्जा निगम की ओर से क्लीन चिट नहीं दी गयी है। जबकि जांच में जुटी पुलिस का जेई पर कानूनी कार्रवाई को लेकर दबाव बढ़ता जा रहा है। सोमवार को परिजनों के साथ कई ग्रामीण और जनप्रतिनिधि अधिशासी अभियंता अमित आनंद के दफ्तर में पहुंच गए। उन्होंने ऊर्जा निगम के अफसरों जेई भुवन भट्ट को साजिशन फंसाने के आरोप लगाने शुरू कर दिए। इस पर अधिशासी अभियंता से परिजनों व जनप्रतिनिधियों की नोकझोंक तक हो गयी। इसके बाद लोगों ने अफसर के कार्यालय परिसर में ही अनश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया।
परिजनों ने कहा कि उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद गठित समिति सही दिशा में जांच कर रही है। इसके बावजूद नींचले अफसर और पुलिस द्वेषभाव से जबरन मानसिक दबाव बनाया जा रहा है। इससे ब्लड प्रेशर और शुगर से ग्रस्त जेई के स्वास्थ्य में लगातार गिरावट आ रही है। उन्होंने जेई पर दर्ज मुकदमा वापस न होने पर धरना जारी रखने की चेतावनी दी है। धरना देने वालों में ब्लॉक प्रमुख रुपा देवी, ज्येष्ठ प्रमुख अमित नेगी, कनिष्ठ प्रमुख श्रीकांत पांडे, क्षेत्र पंचायत आदस्य त्रिलोचन पाठक, सुरेश शर्मा, व्यापार मंडल अध्यक्ष मोटाहल्दू संदीप पांडे, भास्कर भट्ट, संजय राणा, पूरन चंद्र जोशी, कीर्ति पाठक, राजू पांडे, पवन पंत, कमल भट्ट, चंदन भट्ट, कमल दुम्का, किशन तिवारी, हेम सनवाल व कैलाश भट्ट आदि शामिल रहे ।
साजिशन फंसाने के आरोप गलत, नियमानुसार की गयी कार्रवाई
ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता अमित आनंद ने बताया कि जेई भुवन भट्ट का तबादला जून 2019 में धौलाखेड़ा से विद्युत कार्यालय खंड हल्द्वानी हो गया था। एक साल तक लगातार पत्राचार के बाद भी उन्होंने धौलाखेड़ा उपखंड की विभागीय अवशेष मापन पुस्तिका नहीं जमा की गयी। साथ ही मासिक लेखे में दर्ज विभागीय अवशेषों का लेखा नहीं दिया गया। अधीक्षण अभियंता को ने इस मामले में विभागीय जांच समिति गठित की। उसकी रिपोर्ट के बाद ही उच्चाधिकारियों के आदेश पर जेई भट्ट के विरुद्ध नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की गयी। इसके बाद दोबारा जांच समिति गठित की गयी है। अब जेई भट्ट ने मापन पुस्तिका और लेखे संबंधी अवशेष सामग्री जमा की और लेखांकन में हुई गलतियों को दूर किया गया। अब भी मासिक लेखे में 10 से 11 लाख रुपये की अनियमितताएं सामने आ रही हैं।