संत डा.दिनेश्वरानन्द ने ली सन्यास दीक्षा
पीएचडी उपाधि धारक हैं स्वामी डा.दिनेश्वरानन्द
सनातन धर्म, सभ्यता, संस्कार को वैज्ञानिक तरीके से जन जन तक पहुंचाएंगे: स्वामी डा.दिनेश्वरानन्द
हरिद्वार। हरिद्वार में आयोजित महाकुम्भ के पावन पर्व पर मां भागीरथी के पावन तट पर अंतर्राष्ट्रीय ब्रहमऋषि मिशन के संस्थापक ब्रह्मलीन ब्रह्मऋषि विश्वात्मा बावरा महाराज के परम शिष्य स्वामी डॉ. दिनेश्वरानंद ने ब्रह्मवादिनी स्वामी कृष्णकांता महाराज से सन्यास दीक्षा प्राप्त की। काशी विश्वविद्यालय से बीएचडी उपाधि धारक स्वामी डा.दिनेश्वरानंद महाराज आखिल भारतीय संत समिति पंजाब के अध्यक्ष भी हैं। भूपतवाला स्थित ब्रह्मऋषि आश्रम में सन्यास दीक्षा के अवसर जूना अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरी महाराज ने अंगवस्त्र भेंटकर स्वामी डा.दिनेश्वरानन्द महाराज को आशीर्वाद प्रदान किया। स्वामी डा.दिनेश्वरानन्द गिरी महाराज ने कहा कि गुरूओं की प्रेरणा से अध्यात्म क्षेत्र में आने के बाद उन्होंने पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। प्राचीन वैदिक परंपरांओं को अंगीकार कर सन्यास दीक्षा के बाद सनातन धर्म, सभ्यता, संस्कार को वैज्ञानिक तरीके से जन जन तक पहुंचाना ही उनका ध्येय है। युवा पीढ़ी को धर्म के वैज्ञानिक दृष्टिकोण को समझने की आवश्यकता है। आत्मिक बल, आध्यात्मिक प्रेरणा और संत महापुरूषों के आशीर्वाद से वे इस कार्य को पूरा करेंगे। युवा पीढ़ी को पाश्चात्य संस्कृति का परित्याग कर सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति को अपनाना चाहिए। इसके लिए युवा वर्ग को धर्म रक्षा, राष्ट्र रक्षा, गंगा रक्षा व गौ रक्षा के लिए बौद्धिक ज्ञान प्रदान करने के संकल्प के साथ वे लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के प्रमुख पर्व कुंभ मेले के दौरान देश भर से आए संत महापुरूषों के समागम से पूरे विश्व में आध्यात्मिक संदेश प्रसारित होता है। कुंभ मेले में गंगा स्नान के साथ सभी को गंगा को स्वच्छ, निर्मल और अविरल बनाने का संकल्प भी लेना चाहिए। इस अवसर पर मिशन से डा.मनीषा महाराज, महामंडलेश्वर उमाकांतानंद सरस्वती महाराज, स्वामी ज्ञानानंद महाराज, स्वामी मुक्तानंद महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी चिदम्बरानंद सरस्वती महाराज, आचार्य आदर्श महाराज, सतपाल महाराज, महामण्डलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज, स्वामी राजेन्द्र दास महाराज, महामंडलेश्वर बलदेव दास महाराज, महामंडलेश्वर जसदेवा नंद महाराज, स्वामी अरुण दास महाराज सहित सभी तेरह अखाड़ों के संतों ने स्वामी डा.दिनेश्वरानन्द को महाराज को आशीर्वाद प्रदान कर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त भी मौजूद रहे।