ध्वस्तीकरण के नोटिसों की जांच की मांग को लेकर कांग्रेस ने की मुख्य सचिव से मुलाकात

देहरादून(आरएनएस)।  कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को बस्तियों में ध्वस्तीकरण के नोटिसों की जांच की मांग को लेकर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से मुलाकात की। पूर्व कैबिनेट मंत्री चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने ध्वस्तीकरण के नोटिस दिए जाने को गलत ठहराया। मुख्य सचिव ने ध्वस्तीकरण से पहले नोटिसों की जांच के निर्देश दिए हैं।कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर बस्तियों में अतिक्रमण की भूमि पर लोग निवास कर रहे थे, तो फिर इन्हें सरकारी सुविधाएं किस आधार पर दी जा रही थीं। इसलिए सभी नोटिसों की फिर से जांच होनी चाहिए। कोई बेघर न हो इसके लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि सभी मलिन बस्तियों वर्षों पहले से बसीं है। 2016 में सरकार इनका सर्वे कर चुकी है। रिपोर्ट कैबिनेट की मंजूरी के बाद विधानसभा में पास हुई और 02 अक्तूबर 2016 को 90 लोगों को मालिकाना हक भी दिया गया। उसी रिपोर्ट के आधार पर मलिन बस्ती में रहने वाले सभी लोगों को मालिकाना हक दिया जाना चाहिए। प्रीतम सिंह ने बताया कि मुलाकात के दौरान मुख्य सचिव ने एमडीडीए उपाध्यक्ष और जिलाधिकारी देहरादून से भी फोन बर बात की, उन्होंने ध्वस्तीकरण से पहले सभी नोटिसों की जांच के निर्देश दिए। प्रतिनिधिमंडल में प्रीतम सिंह के साथ पूर्व विधायक राजकुमार, महामंत्री गोदावरी थापली, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, अर्जुन सोनकर, महिला कांग्रेस की महानगर अध्यक्ष उर्मिला थापा, राकेश पंवार, निखिल कुमार समेत अन्य मौजूद रहे।

बिजली कटौती पर जताई चिंता
कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह ने मुख्य सचिव के सामने दून शहर में अघौषित बिजली कटौती का मुद्दा भी रखा। उन्होंने कहा कि इस गर्मी में लोग परेशान है। पानी की सप्लाई पर भी असर पड़ रहा है। उन्होंने बिजली सप्लाई नियमित करने की मांग रखी।

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