धराली में भारी तबाही: सेना के 7 जवान और एक जेसीओ लापता, 40 मजदूरों की तलाश जारी

उत्तरकाशी(आरएनएस)।  उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 5 अगस्त को आई आपदा ने धराली गांव को भारी नुकसान पहुंचाया है। इंडियन आर्मी के जवान भी इसकी चपेट में आ गए। लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्या सेनगुप्ता के अनुसार, अभी भी 7 जवान और एक जेसीओ लापता हैं। इनके अलावा, कई पर्यटकों के साथ 30 से 40 मजदूर भी लापता हैं। फिलहाल राहत और बचाव कार्य जारी है। उम्मीद है कि जल्द ही सभी का रेसक्यू कर लिया जाएगा।
सेंट्रल कमांड के सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्या सेनगुप्ता ने बताया कि बाढ़ के लगभग डेढ़ घंटे बाद एक और बाढ़ और मलबे का सैलाब आया, जिसने दक्षिण हरसिल में स्थित सेना शिविर को नष्ट कर दिया है। इस कारण धराली का हर तरह से संपर्क कट गया है। शुरुआती बचाव कार्य के लिए कमांडिंग ऑफिसर कर्नल हर्ष वर्धन, 14 जम्मू-कश्मीर राइफल्स, और उनके 150 जवानों को घटनास्थल पर तैनात किया गया। उन्होंने आगे बताया कि जब मलबा हमारे दक्षिणी शिविर में घुसा, तो 7 जवान और एक JCO लापता हो गए। फिलहाल हम धराली गांव का संपर्क बहाल करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, ताकि हरसिल से धराली की यात्रा आसान हो सके। उन्होंने बताया कि 30-40 मजदूर भी लापता हैं। सभी की तलाश जारी है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना, स्थानीय लोगों के साथ है और इस तबाही से उबरने में हर संभव मदद करेगी।

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
सेना कमांडर ने बताया कि धराली में आईटीबीपी, एनडीआरएफ और भारतीय सेना रेस्क्यू कार्य में जुटी है। उन्होंने आगे बताया कि भारी बारिश और भूस्खलन से बंद हाईवे और बह गई सड़कें चुनौती बन रही हैं। सेना कमांडर ने आगे कहा कि रेस्क्यू टीमों को धराली पहुंचने में देरी हो रही है।
भारतीय सेना का राहत अभियान उन्होंने आगे बताया कि धराली के पास बादल फटने के बाद मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान शुरू किया गया था, जो अभी भी जारी है। इस काम में सेना के जवान के साथ-साथ NDRF की टीम भी मौजूद हैं। वायु सेना भी रेस्क्यू में जुटी है। MI-17 और ALH Mk-III हाई अलर्ट पर हैं। इसके अलावा कई विमान देहरादून में मौजूद हैं, जो राहत कार्य में हर संभव मदद कर रहे हैं।

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