कोरोना काल में रेलवे को हुआ भारी आर्थिक नुकसान

यात्री भाड़े में 38,017 करोड़ रुपये के राजस्व का घाटा

नई दिल्ली (आरएनएस)। रेलवे को कोविड-19 महामारी की वजह से चालू वित्तवर्ष में यात्री भाड़े के मद में 38,017 करोड़ रुपये के राजस्व का घाटा हुआ लेकिन सदभावना के तहत श्रमिक विशेष रेलगाडिय़ों के चलाने से घाटे की कुछ क्षति पूर्ति हुई। वहीं माल ढुलाई के तरीकों को अपनाने से रेलवे का इस मद में राजस्व पिछले साल के मुकाबले बढ़ा है।
रेलवे ने नियमित यात्री रेलगाडिय़ों का परिचालन अबतक नहीं शुरू किया है लेकिन अब उसका ध्यान माल ढुलाई से आने वाले राजस्व को कायम रखने पर है। रेलवे माल ढुलाई से होने वाली आय में 22 मार्च तक पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 1,868 करोड़ रुपये (करीब दो प्रतिशत) की वृद्धि करने में सफल रहा। भले ही यह दो प्रतिशत की वृद्धि है लेकिन इससे कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन की समस्या से उबरने में काफी सहायता मिली है। रेलवे के यात्री मद से होने वाली आय की जहां तक बात है तो पिछले वित्तवर्ष (20019-20) में यह 53,525.57 करोड़ रुपये रही, जो चालू वित्तवर्ष (2020-21) में घटकर 15,507.68 करोड़ रह गई। यह पिछले साल के मुकाबले 71.03 प्रतिशत कम है। आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 में यात्री भाड़े से 12,409.49 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह राशि 48,809.40 करोड़ रुपये थी। यात्री की आवाजाही के बावजूद रेलवे ने प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने की शुरुआत की। एक मई से 30 अगस्त के बीच रेलवे ने 4000 श्रमिक विशेष ट्रेनों का परिचालन किया और 23 राज्यों से करीब 63.15 लाख श्रमिकों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाया।

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