कोरोना का टीका पूरी तरह सुरक्षित कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं : मर्तोलिया
छह हजार में से महज 35 लोगों पर दिखे टीके के मामूली दुष्प्रभाव
देहरादून। राज्य में टीकाकरण अभियान के तहत तीन दिनों में छह हजार से अधिक लोगों को टीका लगने के बाद महज 35 लोगों पर टीके के दुष्प्रभाव देखने को मिले हैं। राज्य सरकार ने केंद्र को यह जानकारी दी है। इसके साथ ही अब टीके के बाद मामूली असर वाले स्वास्थ्य कर्मियों का डेटा भी तैयार किया जा रहा है। राज्य में 16 जनवरी को कोरोना टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई थी। यदि गुरुवार के दिन को छोड़ दिया जाए तो टीकाकरण के पहले तीन दिनों में राज्य में कुल 35 लोगों में टीका लगने के बाद दुष्प्रभाव देखने को मिले। इनमें से सबसे गंभीर मरीज को एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया और अब सभी की हालत ठीक हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि टीकाकरण के पहले दिन राज्य में कुल 10 लोगों पर दुष्प्रभाव देखने को मिले, दूसरे दिन 13 और तीसरे दिन में 12 लोगों पर टीकाकरण के बाद दुष्प्रभाव देखने को मिले। अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा कई मरीजों को हल्के प्रभाव देखे गए इसकी जानकारी एकत्र की जा रही है। राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी कुलदीप सिंह मार्तोलिया ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि सभी जिलों से माइनर इफेक्ट का भी डेटा उपलब्ध कराने को कहा गया है।
स्वास्थ्य कर्मी घबराएं नहीं, बहुत सुरक्षित है टीका: डॉ. मर्तोलिया
राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी और कोविड वैक्सीनेशन के इंचार्ज डॉ. कुलदीप सिंह मर्तोलिया का कहना है कि कोरोना का टीका पूरी तरह सुरक्षित है और इससे किसी को भी कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं हो रहे। उन्होंने कहा कि बच्चों का सामान्य टीकाकरण करने के दौरान कुछ प्रतिशत बच्चों को भी हल्के बुखार या एलर्जी की शिकायत रहती है। उन्होंने कहा कि शुरू में राज्य में स्वास्थ्य कर्मियों में टीके को लेकर हिचक दिखाई दी। लेकिन अब ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि शुरू के दिनों में राज्य के दो प्रतिशत डॉक्टरों ने भी टीके के प्रति अनिच्छा दिखाई लेकिन अब ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों से लगातार फोन आ रहे हैं कि हमे टीका लगाया जाए। उन्होंने बताया कि राज्य में टीकाकरण प्रतिशत कम होने के पीछे सबसे बड़ी दिक्कत यह रही कि साफ्टवेयर ने कई दिनों तक नामों को रिपीट किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के नाम पोर्टल से डिलीट करने के बावजूद रिपीट हो रहे हैं। ऐसे में टीकाकरण प्रतिशत कुछ कम जरूर लग रहा है लेकिन ऐसा तकनीकी कारणों की वजह से हो रहा है। उन्होंने बताया कि टीके के प्रति अब लोगों में सकारात्मक भाव देखने को मिल रहा है और अगले कुछ दिनों में राज्य में टीकाकरण का अभियान गति पकडऩे जा रहा है।