कंटेनमेंट जोन बने गांवों का कारोबार ठप

ग्रामीण दूध और सब्जी बाजार तक नहीं पहुंचा पा रहे

नैनीताल। जिले के बेतालघाट ब्लॉक के तीन गांवों के लिए कोरोना भारी पड़ रहा है। गांवों में लोगों के संक्रमित होने की वजह से कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है। इससे लोगों का कारोबार ठप हो गया है। गांव कंटेनमेंट होने की वजह से लोग अपना दूध और सब्जी बाजार तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं, जिससे ग्रामीणों को हजारों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। जबकि गांव जिलोली, खैराली बुंगा व गाजर के 120 परिवार दूध का कारोबार करते हैं। पहाड़ के गांवों में कोरोना तेजी से फैल रहा था। इसीलिए ग्रामीणों की मांग पर बेतालघाट ब्लॉक के तीन गांवों में जिला प्रशासन ने कोरोना की जांच कराई थी, जिसमें 59 लोग संक्रमित मिले थे, जिसके बाद प्रशासन ने गांवों को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया। अब गांव कंटेनमेंट जोन में आने के बाद लोगों के सामने नई मुसीबत खड़ी हो गई है। उनका व्यापार पूरी तरह से ठप हो गया है। इससे लोगों को खासी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। वहीं कोरोना के कारण इस इलाके में 12 कंटेनमेंट जोन बनाए गए थे जो अब खत्म हो गए हैं।
गांव में कराया दवा का वितरण: एहतियात के तौर पर गांव वालों को आइवरमेक्टिन की गोलियां भी बांटी गई है, जिससे गांव के लोगों में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। ग्राम प्रधान तिभुवन पाठक ने बताया कि अब तक किसी भी ग्रामीण को अस्पताल पहुंचाने की नौबत नहीं आई है। गांव में प्रशासन ने कोरोना किट की दवाओं के साथ आइवरमेक्टिन भी बंटवाई है। जिससे अब काफी राहत है।
खैराली बुंगा में भी बांटी आइवरमेक्टिन: खैराली बुंगा में पिछले कुछ दिन पहले ग्राम सभा मे कोरोना के लोगो की सैंपलिंग हुई थी। जिसके बाद करीब चौदह लोग कोरोना संकमित्र आ गए थे। गांव कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया था। ग्राम प्रधान कविता आर्य ने बताया कि इसके बाद स्वस्थ विभाग के टीम ने सभी संकमित लोगों को कोरोना किट दी। अब आशा कार्यकर्ता द्वारा ग्राम सभा में आइवरमेक्टिन की दवा भी वितरण की गई है।


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