
देहरादून(आरएनएस)। प्रदेश कांग्रेस ने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) से मांग की है कि राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील शर्मा को तत्काल पद से बर्खास्त किया जाए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से आयोग पर की गई कठोर टिप्पणी और दो लाख रुपये का अर्थदंड कांग्रेस के आरोपों की पुष्टि करता है। पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने कांग्रेस भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हाल ही में संपन्न त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में निर्वाचन आयोग की भूमिका पक्षपातपूर्ण रही। आयोग ने पंचायत राज अधिनियम के उस नियम के विरुद्ध आदेश पारित किए, जिसमें एक से अधिक स्थानों पर मतदाता सूची में नाम दर्ज होने वाले लोगों को चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित किया गया है। इस पर उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेश की अवमानना करते हुए आयोग ने अपील की, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आयोग की अपील को न केवल खारिज किया, बल्कि उस पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। इससे स्पष्ट हो गया है कि आयोग का रुख संविधान और न्यायालय की अवमानना करने वाला था। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी उल्लेख किया कि आयोग के अधिवक्ता बार-बार अपील पर सुनवाई की मांग कर रहे थे, जिससे आयोग की हठधर्मिता और कानून के प्रति लापरवाह रवैया उजागर होता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में राज्य निर्वाचन आयुक्त को एक पल भी अपने पद पर बने रहने का नैतिक और कानूनी अधिकार नहीं है।