वनाग्नि रोकथाम को करें कार्ययोजना तैयार : सीएम

नैनीताल। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को 15 फरवरी से 15 जून तक की समयावधि को वनाग्नि की दृष्टि से संवेदनशील मानते हुए सभी जिलाधिकारियों तथा प्रभागीय वनाधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये दिशा निर्देश दिए। कहा कि वन और वन्यजीवों को आग से बचाने तथा जनधन की हानि को रोकने के लिए प्रभारी कार्ययोजना के साथ अभी से कारगर कदम उठा लिए जाएं। सीएम ने वन विभाग कंट्रोल रूम क्रियाशील करने तथा मास्टर कंट्रोल रूम भी बनाए जाने के निर्देश दिए। वीडयो कॉन्फ्रेंसिंग में डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि जिले में वन अग्नि नियंत्रण एवं प्रबंधन के लिए रणनीति तैयार की जा चुकी है। जिले का कुल 61698.83 हेक्टेयर क्षेत्र वनाच्छादित है। इसमें 8 रेंज, 66 वन ब्लॉक, 960 कम्पार्टमेंट, 2 रेल हैड लीसा डिपो तथा वन सुरक्षा दल विद्यमान हैं। इनके अन्तर्गत 69 क्रू-स्टेशन, 12 रेंज कंट्रोल रूम तथा 1 प्रभाग स्तरीय मास्टर कंट्रोल रूम बनाया गया है। डीएम ने कहा कि जिले के 70.157 प्रतिशत भूभाग में विभिन्न प्रकार के वन क्षेत्र मौजूद है। इन क्षेत्रों में चीड़ के जंगल होने, पीक मई में इनकी पत्तियों (पिरूल) के गिरने के कारण आग की घटनाएं होती हैं। पिरूल की ब्रिकी के लिए लालकुआं स्थित सेंचुरी पेपर मिल से वन विभाग का अनुबंध होने जा रहा है। सेंचुरी प्रतिदिन 3 रुपये प्रति किलो की दर से 40 टन पिरूल खरीदेगा। दो रुपये किलो का भुगतान वन विभाग द्वारा किया जायेगा। ऊधमसिंह नगर की मल्टीवाल फैक्ट्री, चीमा पेपर मिल तथा हरिद्वार जनपद की पेपर मिलों से पिरूल क्रय किये जाने के लिए वार्ता की शुरुआत की जाएगी। डीएम ने बताया कि जिले में वन पंचायतों को इको टूरिज्म विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा। इससे पूर्व, वनाग्नि की रोकथाम के संबंध में कलक्ट्रेट सभागार मे प्रशासनिक अधिकारियों की एक बैठक हुई। इसमें एसडीएम विवेक राय, विनोद कुमार, अनुराग आर्य, ऋचा सिंह, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शैलेश कुमार आदि ने प्रतिभाग किया। बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी दिनकर तिवारी तथा टीआर बीजूलाल द्वारा अधिकारियों को वनाग्नि के संबंध में बनाई गई कार्ययोजना की जानकारी दी गई।

error: Share this page as it is...!!!!
Exit mobile version